सर्वनाम किसे कहते हैं | Sarvanam Kise Kahate Hain

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सर्वनाम किसे कहते हैं | Sarvanam Kise Kahate Hain

संज्ञा शब्दों के स्थान पर प्रयुक्त होने वाले शब्दों को सर्वनाम (Sarvanam) कहते हैं। सर्वनाम एक विकारी शब्द है। सर्वनाम शब्द ‘सर्व’ और ‘नाम’ के संयोग से बना है, जिसका शाब्दिक अर्थ सबका नाम होता है। सर्वनाम का रुपांतरण वचन और कारक की वजह से होता है, लेकिन सर्वनाम का रुपांतरण लिंग की वजह से कभी नहीं होता है।

हिंदी में ग्यारह सर्वनाम होते हैं। हिंदी के सर्वनाम मैं, तू, आप, यह, वह, सो, जो, कोई, कुछ, कौन, क्या हैं।

सर्वनाम के उदाहरण | Sarvanam Ke Udaharan

  • वह पैन मेरा नहीं है।
  • यह घर मेरे दादाजी ने बनवाया था।
  • मैंने आज व्यायाम नहीं किया।
  • तुम एक बहादुर लड़की हो।
  • कोई आ रहा है।
  • वे कुछ खा रहे हैं।
  • वह कौन है, जो खेत में घुस रहा है?
  • पिताजी कल किसकी बात कर रहे थे?

सर्वनाम कौन-कौन से होते हैं

मैं, तू, आप, यह, वह, सो, जो, कोई, कुछ, कौन, क्या सर्वनाम होते हैं. हिंदी में 11 सर्वनाम होते हैं। इन ग्यारह सर्वनामों को मूल सर्वनाम कहते हैं। यही ग्यारह सर्वनाम पुरुष, वचन और कारक के आधार पर अपना रूपांतरण करके अन्य सर्वनाम बनाते हैं, जिन्हें यौगिक सर्वनाम कहते हैं।

सर्वनाम का प्रयोग क्यों किया जाता है? 

सर्वनाम का उपयोग भाषा को सुंदर बनाने के लिए तथा संज्ञा शब्दों की पुनरावृत्ति को कम करने के लिए सर्वनाम शब्दों का प्रयोग किया जाता है। जैसे: मोहन एक चालाक आदमी है। मोहन दूसरों के साथ अच्छा व्यवहार नहीं करता है। मोहन की एक बेटी है। मोहन अपनी बेटी से बहुत प्यार करता है। यहाँ मोहन शब्द की पुनरावृत्ति हो रही है। इस तरह एक शब्द कि बार-बार पुनरावृत्ति होने से भाषा की सुंदरता में कमी आती है। सर्वनाम शब्दों का प्रयोग इसी पुनरावृत्ति को ख़त्म करने के लिए किया जाता है।

अब यदि इस उदाहरण में हम सर्वनाम शब्दों का प्रयोग करते हैं तो, वाक्य कुछ इस तरह बनेंगे-

मोहन एक चालाक आदमी है। वह दूसरों के साथ अच्छा व्यवहार नहीं करता है। उसकी एक बेटी है। वह अपनी बेटी से बहुत प्यार करता है।

इस तरह आप देख सकते हैं कि मोहन की जगह अलग-अलग सर्वनाम शब्दों का प्रयोग करने से वाक्य किस तरह बदल गए.

हिंदी व्याकरण में सर्वनाम को संज्ञा का ही उपभेद माना जा सकता है क्योंकि जो शब्द हमें संज्ञा का बोध करवाते हैं उन्ही शब्दों के स्थान पर सर्वनाम शब्दों का प्रयोग होता है। अतः सर्वनाम एक प्रकार से “संज्ञा” ही हो सकती है।

लेकिन, संज्ञा और सर्वनाम में एक अंतर होता है। संज्ञा हमें उसी वस्तु का बोध करवाती है जिसका वह नाम (संज्ञा) है, जबकि सर्वनाम से किसी भी वस्तु का बोध हो सकता है। सर्वनाम के इसी गुण की वजह से उसे संज्ञा का एक भेद न मानकर अलग भेद माना जाता है।

जैसे:-

‘किताब’ शब्द से हमें यह पता चलता है कि यहाँ ‘किताब’ के बारे में बात हो रही है, न कि मकान या कुर्सी के बारे मेें। यदि हम ‘किताब’ (संज्ञा) के स्थान पर सर्वनाम का प्रयोग करें तो हम किताब को ‘यह’ या ‘वह’ से संबोधित कर सकते हैं। ‘यह’ और ‘वह’ कहने में हमें किताब के अलावा भी किसी वस्तु का बोध हो सकता है क्योंकि ‘यह’ या ‘वह’ किसी भी वस्तु के लिए प्रयुक्त किया जा सकता है।

सर्वनाम की परिभाषा, सर्वनाम की परिभाषा और प्रकार | Sarvanam Ki Parivasa

सर्वनाम की परिभाषा – संज्ञा के स्थान पर प्रयुक्त होने वाले शब्दों को सर्वनाम कहते हैं। सर्वनाम शब्द ‘सर्व’ और ‘नाम’ शब्दों से मिलकर बना है, जहाँ ‘सर्व’ शब्द का अर्थ ‘सभी’ या ‘सब’ तथा ‘नाम’ का अर्थ हिंदी व्याकरण में ‘संज्ञा’ से लिया जाता है। अतः हम कह सकते हैं कि- वे सभी शब्द सर्वनाम हैं, जिनका प्रयोग संज्ञा के स्थान पर किया जाता है। जैसे:-

  • मैं – इसका इस्तेमाल वक्ता स्वयं के लिए करता है।
  • तू – इसका इस्तेमाल वक्ता की बात सुनने वाले के लिए किया जाता है।
  • यह – आस-पास की किसी वस्तु को इंगित करने के लिए इस शब्द का प्रयोग किया जाता है।
  • वह – दूर की किसी वस्तु को इंगित करने के लिए इस शब्द का प्रयोग किया जाता है।

सर्वनाम के उदाहरण | Sarvanam Ke Udaharan

  • वह पैन मेरा नहीं है।
  • यह घर मेरे दादाजी ने बनवाया था।
  • मैंने आज व्यायाम नहीं किया।
  • तुम एक बहादुर लड़की हो।
  • कोई आ रहा है।
  • वे कुछ खा रहे हैं।
  • वह कौन है, जो खेत में घुस रहा है?
  • पिताजी कल किसकी बात कर रहे थे?

सर्वनाम कौन-कौन से होते हैं

मैं, तू, आप, यह, वह, सो, जो, कोई, कुछ, कौन, क्या सर्वनाम होते हैं. हिंदी में 11 सर्वनाम होते हैं। इन ग्यारह सर्वनामों को मूल सर्वनाम कहते हैं। यही ग्यारह सर्वनाम पुरुष, वचन और कारक के आधार पर अपना रूपांतरण करके अन्य सर्वनाम बनाते हैं, जिन्हें यौगिक सर्वनाम कहते हैं।

सर्वनाम का प्रयोग क्यों किया जाता है? 

सर्वनाम का उपयोग भाषा को सुंदर बनाने के लिए तथा संज्ञा शब्दों की पुनरावृत्ति को कम करने के लिए सर्वनाम शब्दों का प्रयोग किया जाता है। जैसे: मोहन एक चालाक आदमी है। मोहन दूसरों के साथ अच्छा व्यवहार नहीं करता है। मोहन की एक बेटी है। मोहन अपनी बेटी से बहुत प्यार करता है। यहाँ मोहन शब्द की पुनरावृत्ति हो रही है। इस तरह एक शब्द कि बार-बार पुनरावृत्ति होने से भाषा की सुंदरता में कमी आती है। सर्वनाम शब्दों का प्रयोग इसी पुनरावृत्ति को ख़त्म करने के लिए किया जाता है।

अब यदि इस उदाहरण में हम सर्वनाम शब्दों का प्रयोग करते हैं तो, वाक्य कुछ इस तरह बनेंगे-

मोहन एक चालाक आदमी है। वह दूसरों के साथ अच्छा व्यवहार नहीं करता है। उसकी एक बेटी है। वह अपनी बेटी से बहुत प्यार करता है।

इस तरह आप देख सकते हैं कि मोहन की जगह अलग-अलग सर्वनाम शब्दों का प्रयोग करने से वाक्य किस तरह बदल गए.

हिंदी व्याकरण में सर्वनाम को संज्ञा का ही उपभेद माना जा सकता है क्योंकि जो शब्द हमें संज्ञा का बोध करवाते हैं उन्ही शब्दों के स्थान पर सर्वनाम शब्दों का प्रयोग होता है। अतः सर्वनाम एक प्रकार से “संज्ञा” ही हो सकती है।

लेकिन, संज्ञा और सर्वनाम में एक अंतर होता है। संज्ञा हमें उसी वस्तु का बोध करवाती है जिसका वह नाम (संज्ञा) है, जबकि सर्वनाम से किसी भी वस्तु का बोध हो सकता है। सर्वनाम के इसी गुण की वजह से उसे संज्ञा का एक भेद न मानकर अलग भेद माना जाता है।

जैसे:-

‘किताब’ शब्द से हमें यह पता चलता है कि यहाँ ‘किताब’ के बारे में बात हो रही है, न कि मकान या कुर्सी के बारे मेें। यदि हम ‘किताब’ (संज्ञा) के स्थान पर सर्वनाम का प्रयोग करें तो हम किताब को ‘यह’ या ‘वह’ से संबोधित कर सकते हैं। ‘यह’ और ‘वह’ कहने में हमें किताब के अलावा भी किसी वस्तु का बोध हो सकता है क्योंकि ‘यह’ या ‘वह’ किसी भी वस्तु के लिए प्रयुक्त किया जा सकता है।

सर्वनाम के कितने भेद होते हैं, सर्वनाम के कितने भेद हैं, सर्वनाम के प्रकार, सर्वनाम कितने प्रकार के होते हैं

हिंदी में मूलतः सर्वनाम 11 प्रकार के होते है – मै, तू, आप, यह, वह, जो, सो, कौन, क्या, कोई, कुछ, आदि। यदि हम प्रयोग की दृष्टि से देखते है तो सर्वनाम के 6 प्रकार होते है।

  • पुरुषवाचक सर्वनाम (Personal Pronoun)
  • निश्चयवाचक सर्वनाम (Definite Pronoun)
  • अनिश्चयवाचक सर्वनाम (Indefinite Pronoun)
  • संबंधवाचक सर्वनाम (Relative Pronoun)
  • प्रश्नवाचक सर्वनाम (Interrogative Pronoun)
  • निजवाचक सर्वनाम (Reflexive Pronoun)

पुरुषवाचक सर्वनाम

(Personal Pronoun) – जब कोई व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति के लिए कोई बात कहता है तो मुख्य रूप से तीन वाचक प्रयुक्त होते हैं। जब कोई व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति के लिए कोई बात कहता है तो मुख्य रूप से तीन वाचक प्रयुक्त होते हैं। जो सर्वनाम बोलने और सुनाने के लिए उपयोग किये जाते है उन्हें पुरुष वाचक सर्वनाम कहते है। इस सर्वनाम के बहुत से उदहारण है जैसे मई तू वह आदि, इसको हम उदाहरण में समझ सकते है, उसने मुझे बोला था कि तुम पढ़ रही हो,

अगर हम इस वाक्य की बात करें तो इसमें तीन तरह के सर्वनाम प्रयोग किये गए है, उसने मुझे और तुम, इससे ये पता चलता है कि पुरुषवाचक सर्वनाम तीन प्रकाश के होते है, उदहारण के तौर पे नीचे दिए गए है इसके सभी भेद,

  • वक्ता (बोलने वाला)
  • श्रोता (सुनने वाला)
  • अन्य (जिसके बारे में कहा जाता है)। 

इसी के आधार पर

“जो सर्वनाम कहने वाले, सुनने वाले या जिसके विषय में कहा जाए उनका बोध कराते हैं, उन्हें पुरुषवाचक सर्वनाम कहते हैं।” इसके मुख्य तीन भेद हैं :

  • उत्तम पुरुष,
  • मध्यम पुरुष,
  • अन्य पुरुष
  • उत्तम पुरुष (First Person) : बोलने वाला या लिखने वाला व्यक्ति अपने लिए जिन सर्वनामों का प्रयोग करता है, वे ‘उत्तम पुरुष सर्वनाम’ कहलाते हैं; जैसे – मैं, हम, हमसब, हमलोग आदि।
  • मध्यम पुरुष (Second Person) : जिसे संबोधित करके कुछ कहा जाए या जिससे बातें की जाएँ या जिसके बारे में कुछ लिखा जाए, उनके नाम के बदले में प्रयुक्त होने वाले सर्वनाम ‘मध्यम पुरुष सर्वनाम’ कहलाते हैं| जैसे – तू, तुम, आप, आपलोग, आपसब।
  • अन्य पुरुष (Third Person) : जिसके बारे में बात की जाए या कुछ लिखा जाए उनके नाम के बदले में प्रयुक्त होने वाले सर्वनाम अन्य पुरुष सर्वनाम कहलाते हैं; जैसे – वे, वे लोग, ये, यह, आप।

निश्चयवाचक सर्वनाम

जो सर्वनाम पास की या दूर की वस्तु या व्यक्ति की ओर निश्चित संकेत करते हैं, वे ‘निश्चयवाचक सर्वनाम’ कहलाते हैं। निश्चयवाचक सर्वनाम को संकेतवाचक सर्वनाम भी कहा जाता है, इसके बहुत से उदाहरण है और हम इस सर्वनाम को अपने दैनिक जीवन में बहुत ही उपयोग करते है। यदि आप टीचिंग एग्जाम कि तैयारी कर रहे है तो सर्वनाम से सम्बंधित बहुत से प्रश्न पूछे जाते है, इसके मुख्य दो प्रयोग हैं :

  • निकट की वस्तुओं के लिए – यह, ये।
  • दूर की वस्तुओं के लिए – वह, वे।
  • कुछ शब्द ऐसे होते हैं, जो निश्चयवाचक सर्वनाम तथा पुरुषवाचक सर्वनाम दोनों प्रकार से प्रयुक्त किए जा सकते हैं। इसलिए इनके प्रयोग में सावधानी बरतनी आवश्यक है; 

जैसे :

  • रोहन कक्षा में प्रथम आया है, इसलिए उसे पुरस्कृत किया जाएगा। – (पुरुषवाचक सर्वनाम)
  • इस वर्ष भी उसी को पुरस्कृत किया जाएगा। – (निश्चयवाचक सर्वनाम)
  • तुम कहाँ जा रहे हो?  – (पुरुषवाचक सर्वनाम)
  • तुम्हीं से सर्वाधिक अंक प्राप्त करने की आशा की जा रही है। – (निश्चयवाचक सर्वनाम)

अनिश्चयवाचक सर्वनाम

जिस सर्वनाम के प्रयोग से किसी निश्चित प्राणी या वस्तु का बोध न हो, वे ‘अनिश्चयवाचक सर्वनाम’ कहलाते हैं; जैसे – कोई, कुछ। ‘कोई’ सर्वनाम का प्रयोग प्रायः प्राणीवाचक सर्वनाम के लिए होता है; जैसे – कोई तुम्हें बुला रहा है, और ‘कुछ’ सर्वनाम का प्रयोग वस्तु या अप्राणीवाचक के लिए होता है; जैसे – कुछ सेब यहाँ पड़े हैं। कहीं, किसी, कुछ आदि अनिश्चयवाचक सर्वनाम शब्द हैं।

अनिश्चितवाचक सर्वनाम के प्रमुख उदाहरण निम्न है,

  • आपको कोई बुला रहा है
  • उसकी कुछ समस्या है
  • कोई आ रहा है
  • कुछ सेब यहाँ पड़े हैं।

संबंधवाचक सर्वनाम

वाक्य में प्रयुक्त दूसरे संज्ञा या सर्वनाम शब्दों से संबंध दिखाने वाले सर्वनाम ‘संबंधवाचक सर्वनाम’ कहलाते हैं। जैसे – जो, सो, जिसने, उसने, जहाँ, वहाँ आदि भी संबंधवाचक सर्वनाम शब्द हैं। अन्य शब्दों में

जो सर्वनाम किसी दूसरी संज्ञा या सर्वनाम से सम्बन्ध दिखाने के लिए उपयोग किये जाते है उन्हें सम्बन्धवाचक सर्वनाम कहते है, उदाहरण के तौर पर जो करेगा सो भरेगा इस वाक्य में जो शब्द सम्बन्ध वाचक सर्वनाम है,

  • जो सोएगा, सो खोएगा।
  • जो करेगा, सो भरेगा।
  • जिसकी लाठी, उसकी भैंस
  • जो सत्य बोलता है, वह नहीं डरता।
  • जो आया है, सो जाएगा।
  • इस तरह से आप सम्बन्धवाचक सर्वनाम को आसानी से समझ सकते है,

प्रश्नवाचक सर्वनाम

जिस सर्वनाम का प्रयोग प्रश्न पूछने के लिए होता है, उसे ‘प्रश्नवाचक सर्वनाम’ कहते हैं; जैसे – कौन, किन्हें, किस आदि प्रश्नवाचक सर्वनाम हैं। कौन, क्या, कैसे और कहा आदि शब्द प्रश्नवाचक सर्वनाम कहलाते है?

  • वहाँ सीढ़ियों में कौन खड़ा है?
  • आज तुमने क्या खाया?
  • कल तुम किससे बातें कर रहे थे?
  • आप कहा जा रहे हो?
  • क्या आपके पास कोई किताब है?
  • तुम कौन सा खाना पसंद करते हो?
  • इस काम को किसने किया है?
  • इन सर्वनामों में ‘कौन’ तथा ‘किससे’ प्राणीवाचक के लिए प्रयुक्त हुए हैं तथा ‘क्या’ अप्राणीवाचक के लिए।

निजवाचक सर्वनाम

इसके अंतर्गत वे सर्वनाम आते हैं, जिनका प्रयोग वक्ता या लेखक स्वयं अपने लिए करते हैं। इस प्रकार – ”वक्ता या लेखक जिन सर्वनाम शब्दों का बोध कराता है और अपने लिए जिनका प्रयोग करता है, उन्हें ‘निजवाचक सर्वनाम’ कहते हैं; जैसे: आप, अपने – आप, खुद, निज, स्वतः, स्वयं।

  • हमें अपना काम अपने – आप करना चाहिए।
  • स्वयं के लिए जीना व्यर्थ है।
  • वह स्वतः ही जान जाएगा।
  • मैं अपने – आप चला जाऊँगा।

संज्ञा और सर्वनाम की परिभाषा

किसी व्यक्ति, वस्तु, स्थान या भाव के नाम को संज्ञा (नाम) कहते हैं।

जैसे : राम, दिल्ली, गंगा, भावुकता, पुरुषत्व इत्याद ।

और जो सबका नाम हो उसे सर्वनाम कहते है ।

जैसे : मैं, हम, तुम, वे, कहाँ इत्यादि

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प्रो. सर्वनाम के कितने भेद होते हैं?

उत्तर: सर्वनाम के 6 भेद होते हैं.

प्रो. आप शब्द कौन सर्वनाम है?

उत्तर: आप शब्द पुरुषवाचक सर्वनाम और निजवाचक सर्वनाम दोनों होता है. जब आप का प्रयोग वक्ता स्वयं के लिए करता है तो निजवाचक सर्वनाम होता है और जब आप शब्द का प्रयोग वक्ता किसी दूसरे व्यक्ति के लिए करता है तो वहां आप शब्द पुरुषवाचक सर्वनाम होता है.

प्रो. पुरुषवाचक सर्वनाम क्या है?

उत्तर: किसी वाक्य में जिन सर्वनाम शब्दों का प्रयोग बोलने वाले, सुनने वाले अथवा अन्य किसी व्यक्ति के स्थान पर किया जाता है, उन्हें पुरूषवाचक सर्वनाम कहते हैं। पुरुषवाचक सर्वनाम के अंतर्गत मैं, आप, तू, तुम, वह, वे आदि सर्वनाम शब्द आते हैं।

प्रो. सर्वनाम किसे कहते हैं

उत्तर: संज्ञा शब्दों के स्थान पर प्रयुक्त होने वाले शब्दों को सर्वनाम (Sarvanam) कहते हैं। सर्वनाम एक विकारी शब्द है। सर्वनाम शब्द ‘सर्व’ और ‘नाम’ के संयोग से बना है, जिसका शाब्दिक अर्थ सबका नाम होता है। सर्वनाम का रुपांतरण वचन और कारक की वजह से होता है, लेकिन सर्वनाम का रुपांतरण लिंग की वजह से कभी नहीं होता है।

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