नाटो क्या है | Naato Kya Hai

नाटो क्या है | Naato Kya Hai

नाटो यानी नॉर्थ अटलाटिंक ट्रीटी ऑर्गनाइजेशन, यह वह संगठन है जो एक रक्षा गठबंधन के तौर पर काम करता है। साल 1949 में 12 देशों के साथ इसका गठन किया गया था जिसमें अमेरिका, यूके, कनाडा और फ्रांस भी शामिल थे। इसमें शामिल देशों ने तय किया था कि किसी भी हमले की स्थिति में ये एक-दूसरे की मदद के लिए आगे आएंगे।

नाटो को आप रूस से यूरोप को बचाने का माध्‍यम कह सकते हैं। जिस समय इसका गठन किया गया था, उस समय इसका एकमात्र लक्ष्‍य द्वितीय विश्‍व युद्ध के बाद यूरोप में रूस के विस्‍तार को रोकना था। साल 1991 में जब सोवियत संघ का पतन हुआ तो कई पूर्वी यूरोपियन देश जो वॉरसॉ संधि में रूस के साथी थे, उन्‍हें भी नाटो की सदस्‍यता मिल गई।

नाटो के उद्देश्य

  • नाटो का उद्देश्य इसके सदस्य राष्ट्रों की राजनीतिक स्वतंत्रता और सैन्य सुरक्षा को बनाये रखना है।
  • सोवियत संघ के पश्चिमी यूरोप में विस्तार को रोकना।
  • पश्चिम यूरोप के देशों को एक सूत्र में संगठित करना।
  • कुल मिलाकर इस संघठन का मुख्य उद्येश्य सोवियत संघ के खिलाफ पूरे विश्व समुदाय को एकजुट करना और अमेरिका के प्रभाव को बढ़ाना था।

नाटो की स्थापना कब हुई | Nato Ki Sthapna Kab Hui

नाटो (NATO) का पूरा नाम है, North Atlantic Treaty Organization (उत्तर अटलांटिक संधि संगठन) है. नाटो की स्थापना 4 अप्रैल 1949 हुई थी. यह एक अंतर-सरकारी सैन्य गठबंधन है। इसे उत्तर अटलांटिक एलायंस भी कहा जाता है।

नाटो का पूरा नाम क्या है, नाटो फुल फॉर्म इन हिंदी | Naato Ka Pura Naam

नाटो का फुल फॉर्म “North Atlantic Treaty Organization (नॉर्थ अटलांटिक ट्रीटी ऑर्गेनाइजेशन)” है और इसे अटलांटिक अलायन्स के नाम से भी जाना जाता है। हिंदी में नाटो को उत्तर अटलांटिक संधि संगठन कहा जाता है।

नाटो में कौन कौन से देश हैं, नाटो के सदस्य देशों के नाम, नाटो में कितने सदस्य देश है | Nato Me Kitne Desh Hai

  • वर्तमान में इसमें 30 सदस्य राज्य शामिल हैं।
  • इसके मूल सदस्य बेल्जियम, कनाडा, डेनमार्क, फ्राँस, आइसलैंड, इटली, लक्ज़मबर्ग, नीदरलैंड, नॉर्वे, पुर्तगाल, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका थे।
  • मूल हस्ताक्षरकर्त्ताओं में शामिल देश थे- ग्रीस और तुर्की (वर्ष 1952), पश्चिम जर्मनी (वर्ष 1955, वर्ष 1990 से जर्मनी के रूप में), स्पेन (वर्ष 1982), चेक गणराज्य, हंगरी और पोलैंड (वर्ष 1999), बुल्गारिया, एस्टोनिया, लातविया, लिथुआनिया, रोमानिया, स्लोवाकिया, और स्लोवेनिया (वर्ष 2004), अल्बानिया और क्रोएशिया (वर्ष 2009), मोंटेनेग्रो (वर्ष 2017), और उत्तर मैसेडोनिया (वर्ष 2020)।
  • फ्राँस वर्ष 1966 में नाटो की एकीकृत सैन्य कमान से हट गया लेकिन संगठन का सदस्य बना रहा, इसने वर्ष 2009 में नाटो की सैन्य कमान में वापस शामिल हुआ।
  • • हाल ही में फिनलैंड और स्वीडन ने नाटो में शामिल होने के लिये अपनी रुचि दिखाई है।

इस संधि में अमेरिका के अलावा ब्रिटेन, नीदरलैंड, नॉर्वे, पुर्तगाल, बेल्जियम, आइसलैंड, लक्जमबर्ग, फ्रांस, कनाडा और  इटली जैसे कई देश शामिल थे। बाद में शीत युद्ध से कुछ समय पहले स्पेन, पश्चिम जर्मनी, टर्की और यूनान ने इसकी सदस्य्ता लेली। शीत युद्ध के समाप्त होने के बाद हंगरी, पोलैंड और चेक गणराज्य देशों को भी इस संधि में शामिल किया गया। इसके अलावा वर्ष 2004 में 7 और देशों ने इसकी सदस्य्ता ली और आज के समय में नाटो के कुल 30 सदस्य हैं। इस समूह में निम्न बताए सभी देश शामिल हैं:-

  1. Albania
  2. Belgium
  3. Bulgaria
  4. Canada
  5. Croatia
  6. Czech Republic
  7. Denmark
  8. Estonia
  9. France
  10. Germany
  11. Greece
  12. Hungary
  13. Iceland
  14. Italy
  15. Latvia
  16. Lithuania
  17. Luxembourg
  18. Montenegro
  19. Netherlands
  20. North Macedonia
  21. Norway
  22. Poland
  23. Portugal
  24. Romania
  25. Slovakia
  26. Slovenia
  27. Spain
  28. Turkey
  29. United Kingdom
  30. United States

क्या भारत नाटो का सदस्य है | Kya Bharat Nato Ka Sadasya Hai

भारत नाटो का सदस्य नहीं है क्योंकि भारत उत्तरी अटलांटिक में या अटलांटिक के करीब कहीं भी नहीं है और जैसा कि आप जानते हैं कि नाटो का मतलब उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन है, इसलिए भारत के लिए नाटो में शामिल होना संभव नहीं है।

नाटो का मुख्यालय कहां है | Nato Ka Mukhyalay Kahan Hai

नाटो का सैन्य मुख्यालय मॉन्स, बेल्जियम के निकट है, जबकि संगठन के मुख्य कार्यालय ब्रुसेल्स, बेल्जियम में हैं। सभी नाटो सदस्यों की संयुक्त सेना में लगभग 3.5 मिलियन सैनिक और कर्मचारी हैं, और गठबंधन ने पूर्वी यूरोप में अपने नाटो प्रतिक्रिया बल की तैनाती पर ध्यान केंद्रित किया है। 2020 तक, उनके संयुक्त सैन्य व्यय नाममात्र वैश्विक कुल के 57 प्रतिशत से अधिक हो गए। सदस्य 2024 तक रक्षा खर्च के लिए सकल घरेलू उत्पाद के कम से कम 2% के लक्ष्य तक पहुंचने या बनाए रखने पर भी सहमत हुए।

मुख्यालय: ब्रुसेल्स, बेल्जियम।

  • उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) की स्थापना 1949 में हुई थी और यह यूरोप और उत्तरी अमेरिका के 30 देशों का एक समूह है, जो अपने सदस्यों(30 देशों) के लोगों और क्षेत्र की रक्षा के लिए बनाया गया है।
  • नाटो का नियंत्रण सैन्य समिति के पास है और नाटो का सर्वोच्च सैन्य अधिकार सभी सदस्य देशों के रक्षा प्रमुखों से बना है।

नाटो का सबसे प्रमुख अंग कौन सा है | Nato Ka Sabse Pramukh Ang Kaun Sa Hai

नाटो के मुख्य 4 अंग हैं;

  • 1. महासचिव (Secretary General): यह नाटों का सर्वोच्च अंग है. इसमें सदस्य देशों के सिविल सर्वेंट होते हैं. इसकी मंत्रिस्तरीय बैठक वर्ष में एक बार होती है. महासचिव का मुख्य उत्तरायित्व समझौते की धाराओं को लागू करना होता है. यह नाटो का मुख्य प्रवक्ता भी होता हैं।
  • 2. परमाणु योजना समूह (Nuclear Planning Group): परमाणु नीति समूह के पास परमाणु नीति के मुद्दों के संबंध में उत्तरी अटलांटिक परिषद के समान अधिकार है।
  • 3. सैनिक समिति (Military Committee): इसका मुख्य कार्य नाटों परिषद् एवं उसकी प्रतिरक्षा समिति को सलाह देना है. इसमें सदस्य देशों के सेनाध्यक्ष शामिल होते हैं. जब किसी मुद्दे पर राजनीतिक तरीके से समाधान नहीं निकलता है तो फिर उसके लिए मिलिट्री ऑपरेशन का रास्ता अपनाया जाता है।
  • नाटो के पास अपनी खुद की सेना बहुत कम होती है. इसलिए जब किसी देश के खिलाफ मिलिट्री ऑपरेशन की बात आती है तो सदस्य देश स्वेच्छा से इस अभियान के लिए अपनी सेना भेजते हैं और जब मिशन पूरा हो जाता है तो सेना अपने देशों में दुबारा लौट जाती है।
  • 4. उप समिति (Subordinate Committees): यह परिषद् नाटों के सदस्य देशों द्वारा नियुक्त कूटनीतिक प्रतिनिधियों की परिषद् है. ये नाटो के संगठन से सम्बद्ध सामान्य हितों वाले विषयों पर विचार करते हैं।

FAQ | नाटो क्या है | Naato Kya Hai

नाटो फुल फॉर्म

नाटो का फुल फॉर्म “North Atlantic Treaty Organization (नॉर्थ अटलांटिक ट्रीटी ऑर्गेनाइजेशन)

भारत नाटो अथवा सीटों का सदस्य क्यों नहीं बना

नाटो में केवल यूरोपीय और उत्तर अमेरिका के राष्ट्र सम्मिलित हो सकते हैं ।

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