अर्थशास्त्र क्या है | What is Economics in Hindi

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अर्थशास्त्र क्या है | What is Economics in Hindi

अर्थशास्त्र सामाजिक विज्ञान की वह शाखा है, जिसके अन्तर्गत वस्तुओं और सेवाओं के उत्पादन, वितरण, विनिमय और उपभोग का अध्ययन किया जाता है। ‘अर्थशास्त्र’ शब्द संस्कृत शब्दों अर्थ (धन) और शास्त्र की संधि से बना है, जिसका शाब्दिक अर्थ है – ‘धन का अध्ययन’।

अर्थशास्त्र एक सामाजिक विज्ञान है जो वस्तुओं और सेवाओं के उत्पादन, वितरण और उपभोग से संबंधित है। यह अध्ययन करवाता है कि कैसे व्यक्ति, व्यवसाय, सरकारें और राष्ट्र संसाधनों को आवंटित करने के तरीके के बारे में चुनाव करते हैं। चूंकि हमारी आवश्यकताएं असीमित है और संसाधन सीमित है। सीमित संसाधनों को काम में लेने के कई अलग-अलग तरीके हैं, यह निर्धारित करना अर्थशास्त्र का कार्य है कि कौन से तरीके सर्वोत्तम परिणाम देते हैं।

अर्थशास्त्र को इंग्लिश में क्या कहते हैं, अर्थशास्त्र in English | Arthashastra Meaning in English

Arthashastra Meaning in English is Economics.

अर्थशास्त्र की परिभाषा, अर्थशास्त्र किसे कहते हैं | Economics Definition

अर्थशास्त्र सामाजिक विज्ञान की ही एक शाखा है जो वस्तुओं और सेवाओं के उत्पादन, वितरण और दुर्लभ संसाधनों के आवंटन से संबंधित है।

आर्थिक संकेतक | Economic Indicators

  • सकल घरेलू उत्पाद ( Gross Domestic Product )
  • उपभोक्ता मूल्य सूचकांक ( Consumer Price Index ) या मुद्रास्फीति ( Inflation )
  • थोक मूल्य सूचकांक ( Wholesale Price Index ),
  • विदेशी मुद्रा भंडार ( Forex Reserves ) और
  • व्यापार ( Trade )

आर्थिक प्रणाली के प्रकार | Economic Systems

  • समाजवाद
  • पूंजीवाद
  • साम्यवाद

अर्थव्यवस्थाओं के प्रकार | Types of Economy in Hindi

  • मिश्रित अर्थव्यवस्था
  • कमान अर्थव्यवस्था
  • मुक्त बाजार अर्थव्यवस्था

एडम स्मिथ के अनुसार अर्थशास्त्र की परिभाषा | Adam Smith Theory

स्मिथ के अनुसार, सरकार अर्थव्यवस्था (Adam Smith Contribution to Economics) के साथ छेड़छाड़ नहीं करती है, एक देश के संसाधनों का सबसे अधिक प्रभावी ढंग से उपयोग किया जाएगा, मुक्त-बाजार के मुद्दे अपने आप ठीक हो जाएंगे और एक राष्ट्र के कल्याण और सर्वोत्तम हितों पर सहमति होगी।

और इनके अनुसार उत्खनन और निर्माण सहित कृषि के दो अलग-अलग क्षेत्रों के बीच उत्पादक गतिविधियों का पृथक्करण संभवतः आर्थिक विकास की पहली दृश्य अभिव्यक्ति थी। यह अलगाव “श्रम विभाजन” की प्रक्रिया के माध्यम से हुआ है।

अर्थशास्त्र के जनक कौन है, अर्थशास्त्र के जनक | Who is known Father of Modern Economics

एडम स्मिथ को आधुनिक अर्थशास्त्र का संस्थापक पिता माना जाता है ।

अर्थशास्त्र के प्रकार | Types of Economics in Hindi

अर्थशास्त्र के प्रकार दो हैं जो इस प्रकार हैं:

  1. व्यष्टि अर्थशास्त्र (Micro Economics)
  2. समष्टि अर्थशास्त्र (Macro Economics)

व्यष्टि अर्थशास्त्र, व्यष्टि अर्थशास्त्र क्या है | Micro Economics

व्यष्टि या सूक्ष्म यानि माइक्रो, जैसा कि इसके नाम से ही इसके बारे में समझ में आता है। यह अर्थशास्त्र एक व्यक्ति या एक फर्म के व्यवहार का अध्ययन करता है। इसमें व्यक्ति या एक फर्म के उन आर्थिक निर्णयों को समझने का प्रयास किया जाता है, जो वह किसी भी आर्थिक गतिविधि को सम्पन्न करने से पहले लेता है। जैसे किसी वस्तु की कीमत घट या बढ़ गई तो उस वस्तु को खरीदने को लेकर क्या निर्णय रहेगें। यानि अर्थशास्त्र उपभोक्ता के रूप में उसके व्यवहार को समझने का प्रयास करती है। माइक्रो अर्थशास्त्र यह समझाने की कोशिश करता है कि अलग-अलग वस्तुओं का अलग-अलग मूल्य कैसे और क्यों होता है, कैसे व्यक्ति वित्तीय निर्णय लेते हैं और कैसे व्यक्ति एक-दूसरे के साथ सबसे अच्छा व्यापार, समन्वय और सहयोग करते हैं।

व्यष्टि अर्थशास्त्र की शाखाएं 

व्यष्टि अर्थशास्त्र की शाखाओं के बारे में विस्तार से नीचे बताया गया है :

उपभोक्ता व्यवहार का सिद्धांत 

उपभोक्ता व्यवहार के सिद्धांत में निम्न मुख्य बिन्दु शामिल हैं-

  • उपयोगिता का विश्लेषण
  • मांग का नियम
  • उपभोक्ता की बचत
  • उपभोक्ता के प्रकट अधिमान सिद्धांत

उत्पादन फलन के सिद्धांत 

उत्पादन फलन के सिद्धांत में निम्न मुख्य बिन्दु शामिल हैं-

  • आगम या राजस्व सिद्धांत
  • साधनो के प्रतिफल
  • परिवर्तनशील साधन
  • पैमाने के प्रतिफल का स्द्धिांत
  • लागतों का सिद्धांत

बाजार अवधारणा और कीमत निर्धारण सिद्धांत 

बाजार अवधारणा और कीमत निर्धारण सिद्धांत में निम्न मुख्य बिन्दु शामिल हैं-

  • पूर्ण प्रतियोगिता के बाजार में कीमत निर्धारण
  • एकाधिकार प्रतियोगिता और कीमत निर्धारण

वितरण सिद्धांत 

वितरण सिद्धांत में निम्न मुख्य बिन्दु शामिल हैं-

  • विभिन्न बाजारों में साधानों की कीमत निर्धारण
  • मजदूरी
  • लगान सिद्धांत
  • ब्याज का सिद्धांत
  • लाभ का सिद्धांत
  • गैम थोरी

कल्याण अर्थशास्त्र 

कल्याण अर्थशास्त्र में निम्न मुख्य बिन्दु शामिल हैं-

  • पैरेटों का इष्टतम कल्याण सिद्धांत
  • नव कल्याण अर्थशास्त्र

समष्टि अर्थशास्त्र | Macro Economics

मैक्रोइकॉनॉमिक्स में अर्थव्यवस्था का समग्र अध्ययन किया जाता है। इसके फोकस में एक विशिष्ट भौगोलिक क्षेत्र, एक देश, एक महाद्वीप या यहां तक कि पूरी दुनिया शामिल हो सकती है। इसके अध्ययन के प्राथमिक क्षेत्र आवर्तक आर्थिक चर और व्यापक आर्थिक विकास और विकास हैं। अध्ययन किए गए विषयों में विदेश व्यापार, सरकारी राजकोषीय और मौद्रिक नीति, बेरोजगारी दर, मुद्रास्फीति का स्तर और ब्याज दरें, सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में परिवर्तन के रूप में परिलक्षित कुल उत्पादन उत्पादन की वृद्धि, और व्यापार चक्र शामिल हैं, जिसके परिणामस्वरूप विस्तार होता है। उछाल, मंदी और अवसाद आदि इसमें शामिल है।

समष्टि अर्थशास्त्र का क्षेत्र 

समष्टि अर्थशास्त्र के क्षेत्र के बारे में नीचे बताया गया है:

  • क्लासिकल, कीन्सियन, नव क्लासिकल और नव कीन्सियन अर्थशास्त्र
  • समष्टिगत आर्थिक गतिविधियां
  • राष्ट्रीय आय और इसकी मूलभूत धारणाएं
  • मुद्रा का सिद्धांत
  • मुद्रा की पूर्ति का सिद्धांत
  • मुद्रा स्फीति
  • उत्पत्ति व रोजगार का निर्धारण
  • क्लासिकल व कीन्सियन मॉडल्र
  • गुणक व त्वरक की अवधारणा
  • व्यापार चक्र
  • बैंकिंग
  • मौद्रिक नीति
  • राजकोषीय नीति

अर्थव्यवस्था मूलत: दो ही प्रकार की होती है-व्यष्टि अर्थशास्त्र और समष्टि अर्थशास्त्र। लेकिन ज्यों-ज्यों अर्थशास्त्र का महत्व और स्कोप बढ़ता गया। इसके आगे और विभाजन होते गए। इस प्रकार अर्थशास्त्र को निम्र भागों में बांट सकते हैं-

  • अंतरराष्ट्रीय अर्थशास्त्र
  • लोक वित्त
  • मुद्रा और बैंकिंग
  • व्यावसायिक अर्थशास्त्र

सकारात्मक अर्थशास्त्र किसे कहते हैं | Positive Economics

Positive Economics (सकारात्मक अर्थशास्त्र) का तात्पर्य अर्थशास्त्र के वास्तविक विज्ञान से है।
जहाँ तक अर्थशास्त्र के सकारात्मक स्वरूप का संबंध है।

सकारात्मक अर्थशास्त्र से तात्पर्य उस सामाजिक विज्ञान से है, जो किसी आर्थिक समस्या की वास्तविक स्थिति अथवा क्रिया विधि की कार्यशैली को व्यक्त करता हैष सकारात्मक अर्थशास्त्र की अवधारणा क्या है, क्या था, क्या संभावना है, इन सिद्धांतों पर आधारित होती है। सकारात्मक अर्थशास्त्र में केवल वस्तु स्थिति का ज्ञान कराया जाता है। जहाँ मानक अर्थशास्त्र में ‘क्या होना चाहिए’ पर जोर दिया जाता है, वहीं सकारात्मक अर्थशास्त्र में ‘क्या है, क्या था, क्या संभावना है’ पर जोर दिया जाता है। सरल अर्थों में अर्थशास्त्र वास्तविक वस्तुस्थिति से अवगत कराता है।

  • अर्थशास्त्रियों में तनिक भी मतभेद नहीं है।
  • वास्तविक या सकारात्मक विज्ञान के रूप में अर्थशास्त्र आर्थिक कार्यों के कारण और परिणामों के बीच संबंध को बताता है।
  • यह आर्थिक कार्यों की अच्छाई या बुराई के संबंध में चुप रहता है।
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FAQ’s | अर्थशास्त्र क्या है | What is Economics in Hindi

अर्थशास्त्र के प्रकार

अर्थशास्त्र के प्रकार दो हैं जो इस प्रकार हैं: 1) व्यष्टि अर्थशास्त्र (Micro Economics) 2) समष्टि अर्थशास्त्र (Macro Economics)

अर्थशास्त्र क्या है

अर्थशास्त्र सामाजिक विज्ञान की ही एक शाखा है जो वस्तुओं और सेवाओं के उत्पादन, वितरण और दुर्लभ संसाधनों के आवंटन से संबंधित है।

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