वाक्य किसे कहते हैं | Vakya Kise Kahate Hain

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वाक्य किसे कहते हैं, वाक्य किसे कहते हैं उदाहरण सहित लिखिए | Vakya Kise Kahate Hain

शब्दों का वह सार्थक समूह जिससे एक विचार की स्पष्ट एवं पूर्ण अभिव्यक्ति होती हो उसे वाक्य कहते हैं। भाषा व व्याकरण का सबसे बड़ा अंग वाक्य होता है। भाव/भावार्थ के आधार पर भाषा की सबसे बड़ी एवं सबसे छोटी इकाई वाक्य होता है, क्योंकि भाव/भावार्थ के आधार पर भाषा का सिर्फ़ एक ही अंग होता है, जो कि वाक्य होता है। वाक्य के दो अवयव होते हैं- उद्देश्य एवं विधेय।

जब दो या दो से अधिक सार्थक शब्दों के समूह को एक व्यवस्थित पद में लिखा या बोला जाता है, और उन शब्दों से उनके विचारो का आदान व प्रदान होता है उसे वाक्य कहा जाता है। आपको यह भी बतादे की वाक्य भाषा और व्याकरण का काफी महत्वपूर्ण अंग होता है। यह ही नहीं बल्कि भाषा की सबसे छोटी इकाई वाक्य को ही कहा जाता है। और आसान भाषा में कहा जाये तो सार्थक शब्दों के समूह से बनने वाली इकाई को ही वाक्य के नाम से जाना जाता है। आप सभी को यह बतादे की भाषा के दो अंग होते है। जिनके बारे में भी हम आपको इस लेख में बताने वाले है।

वाक्य के कुछ उदाहरण –

  • नेहा विद्यालय जा रही है।
  • राम ने 12 वी कक्षा अच्छे नम्बरों से पास की है।
  • श्याम के दो भाई और बहन भी है।
  • सविता कपडे धो रही है।
  • निखिल गाना गा रहा है।

हिंदी व्याकरण के अनुसार वाक्य के मुख्यतः दो अंग होते हैं जो इस प्रकार से हैं –

उद्देश्य | Motive

  • जब किसी भी वाक्य में किसी भी वास्तु या फिर किसी भी व्यक्ति की बात की जाए तो उस वास्तु या फिर व्यक्ति को दर्शाने वाले शब्दों को उद्देश्य कहा जाता है।
  • जब किसी वाक्य के कथन में किसी कार्य के बारे में कहा जाय तो इसका मतलब वाक्य में उद्देश्य प्रकट हो रहा है।

उद्देश्य के उदहारण कुछ इस प्रकार है –

  • सीमा भाग रही है।
  • रामु ने पुस्तक का पाठ याद किया।
  • कविता बरतन धो रही है।
  • अनुज फल तोड़ रहा है।
  • विजय ने नृत्य किया।

विधेय | Predicate

  • जब किसी भी वाक्य में किसी भी वस्तु या फिर व्यक्ति के अरे में बताया होता है तो उस वाक्य में उद्देश्य को दर्शाने वाले शब्दों के अलावा शब्दों को विधेय के नाम से जाना जाता है।
  • जब किसी वाक्य में उद्देश्य के बारे में कुछ कहा जाय तो इसका मतलब है की वाक्य में विधेय मौजूद है।

विधेय के उदहारण कुछ इस प्रकार है –

  • सीमा भाग रही है।
  • रामु ने पुस्तक का पाठ याद किया।
  • सीमा बरतन धो रही है।
  • अनुज फल तोड़ रहा है।
  • विजय ने नृत्य किया।

वाक्य की परिभाषा | Vakya Ki Paribhasha

  • जब भी सार्थक शब्दों का व्यवस्थित समूह वक्ता के द्वारा कहे गए या लिखे गए कथन का कोई अभीष्ट उद्देश्य एवं अर्थ पूर्ण रूप प्रकट करे तो ऐसे शब्द समूह को वाक्य कहा जायेगा। वाक्य में प्रयोग होने वाले शब्द समूहों को पद कहा जाता है।
  • सरल शब्दों में कहें तो एक समूह में सार्थक शब्दों के मेल से बनने वाली इकाई को वाक्य कहते हैं।

हिंदी व्याकरण के अनुसार वाक्य को शुद्ध रूप में लिखने के लिए आपके पास वाक्य से संबंधित निम्नलिखित महत्व पूर्ण तत्व होने अनिवार्य है। किसी वाक्य को बनाने में इन पांच महत्त्व पूर्ण तत्वों का होना अनिवार्य है जो की इस प्रकार से हैं –

  • आकांक्षा (Ambition): आकांक्षा का अर्थ होता है इच्छा। जब वक्ता के द्वारा बोले या लिखे गए वाक्य के पद बंध शब्द समूह से किसी इच्छा का बोध हो रहा हो तो उस वाक्य में आकांक्षा तत्व मौजूद है।
  • योग्यता (Eligibility): जब भी किसी वाक्य के पदों में योग्यता का बोध हो रहा हो तो वह वाक्य कर्ता की क्षमता या योग्यता को प्रदर्शित करता है।
  • निकटता (Closeness): जब भी किसी एक वाक्य या एक से अधिक वाक्य में निकटता का बोध हो रहा हो तो वाक्य में निकटता तत्व मौजूद है। दोस्तों जैसा की आपने देखा होगा की जब वाक्य के एक पद के उच्चारण में दूसरे पद से ज्यादा समय लगे तो वाक्य के अर्थ को प्रकट होने में समस्या आती है यही वाक्य की निकटता कहलाता है।
  • पदक्रम (Rank Order): जब वाक्य में शब्दों का क्रम निश्चित हो तो वह वाक्य का पदक्रम कहलाता है। लेकिन वाक्य में पद क्रम निश्चित ना हो तो वाक्य का अर्थ अस्पष्ट या पूरी तरह से बदल जाता है।
  • अन्वय: (Similarity): जब भी वाक्य के पद में समरूपता प्रकट हो या एक से अधिक वाक्य के संबंध समरूपता हो तो वह वाक्य की अन्वय: या एकरूपता कहलाती है।

वाक्य के प्रकार, वाक्य के भेद | Vakya Ke Prakar, Vakya Ke Kitne Bhed Hote Hain

हिंदी व्याकरण में वाक्य को मुख्यतः तीन रूपों में बांटा गया है।

  1. संरचना के आधार पर
  2. क्रिया के आधार पर
  3. अर्थ के आधार पर

संरचना के आधार पर वाक्य के प्रकार:

आपको हम बता दें की संरचना के आधार पर वाक्यों को तीन रूपों में विभाजित किया गया है –

  1. साधारण वाक्य
  2. संयुक्त वाक्य
  3. मिश्रित वाक्य

साधारण वाक्य, सरल वाक्य किसे कहते हैं | Saral Vakya Kise Kahate Hain, Simple Sentence

हिंदी भाषा में जब किसी वाक्य में एक ही उद्देश्य और विधेय का बोध हो रहा हो तो वह वाक्य साधारण वाक्य कहलाता है। यदि हम दूसरे शब्दों में कहें तो जब किसी वाक्य में एक से अधिक कर्ता हों तो उनके द्वारा की गई क्रिया भी समान होती है। ऐसे वाक्य एक ही उद्देश्य और विधेय को दर्शाते हैं।

साधारण वाक्य के उदाहरण | Examples of Simple Sentence

  1. घूमना स्वास्थ्य के लिए लाभप्रद है।
  2. सीता खाना बना रही है।
  3. मोहन थैला लेकर चला गया।
  4. मेरी माता खाना बना रही है।
  5. बालक सोता रहता है।
  6. अच्छे लड़के मेहनती होते है।
  7. गंगा पढ़ाई करती है।
  8. पारस खाना खाता है।
  9. राकेश खेलता है।
  10. तुम बहुत शैतान हो।

संयुक्त वाक्य, संयुक्त वाक्य किसे कहते हैं उदाहरण | Composite Sentence

जब कोई दो स्वतंत्र वाक्यों को मिलाकर एक वाक्य बनाया जाता है तो बना हुआ एक वाक्य संयुक्त वाक्य कहलाता है। इन वाक्यों में यदि हम किसी उपवाक्य को हटा दें तो पुरे वाक्य के अर्थ पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। संयुक्त वाक्य को बनाते समय जोड़ने वाले शब्दों को संयोजक शब्द कहा जाता है।

  • संयोजक शब्द के उदाहरण: किंतु, परंतु, लेकिन, तथा, या, एवं, अथवा, और, बल्कि, अतः इत्यादि।

संयुक्त वाक्य के उदाहरण | Examples of Composite Sentence

  1. छुटियाँ समाप्त हुई और हम घर आ गए।
  2. सूरज निकला और चारों ओर उजाला छा गया।
  3. मैंने उसे देखा और वो रो पड़ा।
  4. वो बीमार था, इसलिए विद्यालय नहीं जा सका।
  5. मैं स्टेशन पर झटपट पंहुचा फिर भी बस छूट गई।
  6. वह हम सभी लोगों के साथ आना चाहती थी लेकिन उसकी परीक्षा नजदीक है।
  7. वह घर से तो जल्दी निकली लेकिन दफ्तर देर से पहुंची।
  8. तुम बाजार से सब्जियां ले आओ अथवा घर पर रहकर इंतजार करो।
  9. तुम्हें फिर यहां पर देखकर मैं खुश हूं।
  10. तुम बार-बार जाती हो फिर वापस आ जाती हो।

मिश्रित वाक्य | Miscellaneous Sentence

जब किसी वाक्य में एक से अधिक उपवाक्यों को मिलाकर एक प्रधान वाक्य बनाया जाय तो प्रधान वाक्य मिश्रित वाक्य कहलाता है। ऐसे सभी वाक्य उपवाक्य योजक शब्दों से प्रारम्भ होते हैं। मिश्रित वाक्य में वाक्य का अंत आश्रित शब्दों से होता है।

  • मिश्रित वाक्य में उपयोग होने वाले संयोजक शब्द के उदाहरण: जब-तब, जैसा-वैसा, कि, जितना-उतना, जिसकी-उसकी, यदि-तो, यद्यपि-तथापि, जो-सो/वह इत्यादि।

मिश्रित वाक्य के उदाहरण | Examples of Miscellaneous Sentence

  1. जिसकी लाठी उसकी भैंस।
  2. यदि तुम भी मेहनत करोगे तो निश्चित ही सफल हो जाओगे।
  3. जो विद्यार्थी मेहनत करता है, वह सफल होता है।
  4. राधिका की शादी में हम गए हमारा आदर और सम्मान हुआ।
  5. वह तुम्हें खुश करना चाहता था इसलिए यह उपहार लाया।
  6. तुम जितना ज्यादा मुसीबत से भागोगे, उतना ही मुसीबत तुम्हारा पीछा करेगा।
  7. वह तुम्हें देखकर दंग रह गई जब तुम अचानक से पार्टी में आ पहुंचे।
  8. जिधर तुम्हारे घर का रास्ता है, उधर मेरे घर का भी रास्ता है।
  9. यदि आप मेहनत करोगे, तो परीक्षा में पास हो जाओगे।
  10. मैं अच्छी तरह से जानता हूं, कि तुम्हारी हैंडराइटिंग अच्छी नहीं है।

क्रिया के आधार पर वाक्य के प्रकार

हिंदी व्याकरण में क्रिया के आधार पर वाक्यों को तीन रूप में विभाजित

  • कर्तृ वाच्य
  • कर्म वाच्य
  • भाव वाच्य

कर्तृ वाच्य किसे कहते हैं

हिंदी भाषा में जब वाक्य में प्रयोग होने वाली क्रिया के लिंग एवं वचन का निर्धारण कर्ता के अनुसार किया जाता है तो वह वाक्य कर्तृ वाच्य कहलाता है। कर्तृ वाच्य के वाक्य में क्रिया का प्रयोग सकर्मक और अकर्मक दोनों ही रूप में होता है।

कर्तृ वाच्य के उदाहरण

  1. राकेश केला खाता है।
  2. जिग्नेश पुस्तक नहीं पढ़ता है।
  3. मैं आपके पास नौकरी नहीं कर सकता।
  4. वह अब दुकान नहीं चला सकता।
  5. बच्चे आज फिल्म नहीं देख सकते।
  6. भगवान हमारी रक्षा करता है।
  7. वह दिन में फल खाता है।
  8. सुरेंद्र ने सुंदर गीत लिखे हैं।
  9. वह हमें मुर्ख समझता है।
  10. हम निमंत्रण पत्र कल लिखेंगे।

कर्म वाच्य किसे कहते हैं

जब किसी वाक्य में प्रयोग होने वाले क्रिया के लिंग, वचन का निर्धारण होने वाले कर्म के अनुसार किया जाता है तो उसे कर्म वाच्य कहा जाता है। हिंदी व्याकरण के अनुसार कर्म वाच्य में हमेशा ही सकर्मक क्रिया का ही उपयोग किया जाता है।

कर्म वाच्य के उदाहरण

  1. राकेश के द्वारा बच्चों को संस्कृत पढ़ाई जाती है।
  2. ममता से रामायण पढ़ी गई।
  3. लता से गाना गाया जाएगा।
  4. धर्मवीर से वेद पढ़ा जाएगा।
  5. तुमसे फूल तोड़े जाएंगे।
  6. नौकर द्वारा चाय लाई जाएगी।
  7. बच्चे से कहानी सुनाई जाएगी।
  8. मां द्वारा मिठाई बनाई जाती है।
  9. मेरे द्वारा रामायण पढ़ी जा रही है।
  10. वर्षा द्वारा पुस्तक पढ़ी गई।

भाव वाच्य किसे कहते हैं

जब किसी हिंदी वाक्य में क्रिया के लिंग एवं वचन के निर्धारण हेतु कर्तृ और कर्म वाच्य प्रयुक्त ना हो उस वाक्य को भाव वाच्य कहेंगे। आपको बता दें की भाव वाच्य में हमेशा ही अकर्मक क्रिया का उपयोग होता है। भाव वाच्य में क्रिया का एकवचन और लिंग पुल्लिंग होता है।

भाव वाच्य के उदाहरण

  1. महेश से पुस्तक नहीं पढ़ी जाती है।
  2. शंकर से गाना नहीं गाया गया।
  3. उससे नहीं लिखा गया।
  4. बैल हो गया।
  5. रावण मारा गया।
  6. दीवार बना ली गई है।
  7. रोगी को दवा दे दी गई है।
  8. राम ने पुस्तक पढ़ी।
  9. वान्या ने गाना गाया।
  10. तुमने कार खरीदी।

अर्थ के आधार पर वाक्य के प्रकार

आपकी जानकारी के लिए बता दें की अर्थ के आधार पर वाक्य के आठ प्रकार होते हैं –

  1. विधानार्थक वाक्य (Declarative sentence)
  2. संदेहार्थक वाक्य (Doubtful sentences)
  3. निषेधात्मक वाक्य (Negative sentence)
  4. आज्ञार्थक वाक्य (Imperative sentence)
  5. प्रश्नार्थक वाक्य (Interrogative sentence)
  6. संकेतार्थक वाक्य (Indicative sentence)
  7. इच्छार्थक वाक्य (Prepositional sentence)
  8. विस्मय बोधक वाक्य (exclamation sentence)

विधानार्थक वाक्य किसे कहते हैं

जिन वाक्यों में किसी क्रिया का होना पाया जाता है उसे विधानार्थक वाक्य कहते हैं

विधानार्थक वाक्य के उदाहरण:

  1. राजा बाज़ार गया।
  2. भूपेन्द्र खेलता है।
  3. वह एक लड़का है।
  4. राम ने खाना खा लिया।
  5. राम के पिता का नाम दशरथ है।
  6. राधा स्कूल चली गयी।
  7. मनीष ने पानी पी लिया।
  8. अयोध्या के राजा का नाम दशरथ है।
  9. ममता ने खाना खा लिया।
  10. हिंदी हमारी राजभाषा है।

संदेहात्मक वाक्य किसे कहते हैं

जिन वाक्यों में कर्ता द्वारा किये कर्म से संदेह या संभावना का बोध हो रहा हो तो वह वाक्य संदेहात्मक वाक्य कहलाते हैं।

संदेहात्मक वाक्य के उदाहरण

  1. शायद मोहन मान जाए।
  2. शायद वह अभी तक नहीं पहुंचा है।
  3. वह सुधर जाए। शायद मैं कल बाहर जाऊँ।
  4. आज वर्षा हो सकती है।
  5. शायद वह मान जाए।
  6. लगता है तुम यह काम कर लोगे।
  7. देश में अपराधियों का डर शायद अभी भी है।
  8. लगता है राधिका अब सुधर गई है।
  9. वह आज शायद ही आएगा।
  10. शायद आज राधा स्कूल नहीं आएगी।

निषेधात्मक वाक्य किसे कहते हैं

जिन वाक्यों में कार्य को नहीं करने या निषेध का बोध हो रहा हो तो वह वाक्य निषेधात्मक वाक्य कहलाते हैं।

निषेधात्मक वाक्य के उदाहरण

  1. राम आज रावण को नहीं मारेगा।
  2. रावण आज सीता का अपहरण नहीं करेगा।
  3. बसंती गब्बर के सामने नहीं नाचेगी।
  4. आज वह फिल्म टीवी पे नहीं आएगी।
  5. आज हम घूमने नहीं जायेंगे।
  6. मैं आज खाना नहीं खाऊंगा।
  7. राम आज स्कूल नहीं जाएगा।
  8. रमन आज खेलने नहीं आएगा।
  9. मैं वहां नहीं जाऊँगा।
  10. आज बारिश नहीं होगी।

आज्ञार्थक वाक्य किसे कहते हैं

हिंदी भाषा के जिन वाक्यों में आज्ञा या आदेश का भाव प्रकट हो रहा तो उसे आज्ञार्थक वाक्य कहा जाएगा।

आज्ञार्थक वाक्य के उदाहरण

  1. दरवाज़ा बंद कर दो।
  2. खिड़की खोल दो।
  3. यह काम तुमको करना पड़ेगा।
  4. कृपया करके सभी अपनी-अपनी सीटों पर बैठ जाइए।
  5. कृपया करके शांति बनाए रखें।
  6. आपको अपनी मदद स्वयं करनी पड़ेगी।
  7. आपको यह काम करना पड़ेगा।
  8. तुमको यह गाड़ी चलानी पड़ेगी।
  9. आपको घर का काम करना पड़ेगा।
  10. तुमको वहां जाना पड़ेगा।

प्रश्नार्थक वाक्य किसे कहते हैं

जिन वाक्य में पूछे जाने वाले प्रश्न का बोध हो रहा हो तो वह वाक्य प्रश्नार्थक वाक्य कहलाता है।

प्रश्नार्थक वाक्य के उदाहरण

  1. आपका पूरा नाम क्या है?
  2. तुम्हारा कौन सा देश है?
  3. तुम कौन से गांव में रहते हो?
  4. तुम्हारा नाम क्या है?
  5. तुम्हारी बहन क्या काम करती है?
  6. राधा तुम कब डांस करोगी?
  7. यह फिल्म कब खत्म होगी?
  8. तुम कौन हो?
  9. रावण कहां का रहने वाला था?
  10. क्या तुम मेरे साथ मीटिंग पर चलोगी?

संकेतार्थक वाक्य किसे कहते है

जब किसी वाक्य में किसी शर्त का भाव प्रकट हो रहा हो तो उसे संकेतार्थक वाक्य कहते हैं।

संकेतार्थक वाक्य के उदाहरण

  1. यदि तुम पढ़ते तो पास हो जाते।
  2. अगर तुम समय बर्बाद नहीं करते तो तुम्हारा ये हाल नहीं होता।
  3. अगर बारिश अच्छी होती तो फसल भी अच्छी होती।
  4. गाड़ी धीरे चलाते, तो एक्सीडेंट नहीं होता।
  5. कार को धीरे चलाते, तो पेट्रोल खत्म नहीं होता।
  6. होमवर्क अच्छा करते, तो नंबर पूरे मिलते।
  7. परीक्षा से पहले मेहनत की होती, तो आज अच्छे नंबर आए होते।
  8. अच्छे से प्रैक्टिस करते,तो मैडल मिल जाता।
  9. अच्छी तैयारी की होती, तो सिलेक्शन हो जाता।
  10. थोड़ा जल्दी उठ जाते, तो बस नहीं छूटती।

इच्छार्थक वाक्य किसे कहते हैं

जिस किसी वाक्य में कर्ता द्वारा कार्य करने की इच्छा को व्यक्त किया गया हो या आशीर्वाद , आकांक्षा , कामना आदि का बोध हो तो वह वाक्य इच्छार्थक वाक्य कहा जाता है।

इच्छार्थक वाक्य के उदाहरण

  1. भगवान करे सब सकुशल वापस आए।
  2. आज मैं सिर्फ खिचड़ी खाऊँगा।
  3. सदा खुश रहो।
  4. दीपावली की आपके परिवार को शुभकामनाएं।
  5. तुम्हारा कल्याण हो।
  6. भगवान तुम्हें स्वस्थ रखें।
  7. तुम्हारी लंबी उम्र हो।
  8. राधा ने कहा वह आज सिर्फ जूस पीयेगी।
  9. भगवान तुम्हें दीर्घायु करे।
  10. नववर्ष मंगलमय हो।

विस्मय बोधक वाक्य किसे कहते हैं

जिस किसी वाक्य में कर्ता द्वारा हैरानी या आश्चर्य का भाव प्रकट हो रहा हो तो उसे विस्मय बोधक वाक्य कहा जाएगा।

विस्मय बोधक वाक्य के उदाहरण

  1. ओह! कितनी ठंडी रात है।
  2. बल्ले- बल्ले! हम जीत गये।
  3. अहा! कितना सुन्दर बागीचा है।
  4. हे राम! ऐसा मेरे साथ क्यों होता है!
  5. बाप रे बाप! अब मेरा क्या होगा!
  6. हाय! नाना जी चल बसे!
  7. ओह! मैं ये सब नहीं कर सकता!
  8. अच्छा ! फिर ठीक है।
  9. तुम यही चाहते हो तो फिर ठीक!
  10. जी हाँ! मैं ही वह बन्दा हूँ।

मिश्र वाक्य, मिश्रित वाक्य किसे कहते हैं | Mishra Vakya Kise Kahate Hain

जिस वाक्य में एक प्रधान उपवाक्य तथा एक या एक से अधिक आश्रित उपवाक्य हों उसे मिश्रित वाक्य कहते हैं। यदि मिश्र वाक्य के सभी उपवाक्य योजक शब्दों से प्रारंभ हों तो वाक्य का अंतिम उपवाक्य प्रधान उपवाक्य तथा शेष सभी उपवाक्य आश्रित उपवाक्य होते हैं।

मुहावरे एवं लोकोक्तियां मिश्र वाक्य होती हैं। मिश्रित वाक्य में जब-तब, जैसा-वैसा, कि, जितना-उतना, जिसकी-उसकी, यदि-तो, यद्यपि-तथापि, जो-सो/वह आदि योजक शब्दों का प्रयोग किया जाता है। 

मिश्र वाक्य की परिभाषा

ऐसे वाक्य जिनमें सरल वाक्य के साथ-साथ कोई दूसरा उपवाक्य भी शामिल हो, तो ऐसे में वह मिश्र वाक्य कहलाया जाता है। जब भी मिश्र वाक्य में उपवाक्य इस्तेमाल होते हैं तो उनमें व्याधिकरण योजक शब्द जुड़ते हैं। उदाहरण के लिए- कि, जो, क्योंकि, जितना, उतना, जैसा, वैसा, जब, तब, जहाँ, वहाँ, जिधर, उधर, यद्यपि, यदि, अगर, तो, जिसने आदि।

मिश्र वाक्य के 10 उदाहरण

1 ) अगर लंबे समय के लिए जीना है तो कसरत करो।

2 ) मैंने एक महिला को देखा जो भिखारिन थी।

3 ) तुम जहां पर भी जाओगे वह तुम्हारा पीछा करेगा।

4 ) आज जिधर भी देखो वहां असहिष्णुता है।

5 ) मुझे पता है कि तुम इन दिनों बीमार हो।

6 ) जैसे ही शाम हुई पंछी अपने घर की ओर रवाना हो गए।

7 ) उस विद्यार्थी को बुलाओ जिसने कक्षा में उत्पात मचाया।

8 ) जितना हो सके उतना ही मेहनत का कार्य करो।

9 ) अगर तुमने फिर से कोई गुस्ताखी की तो मुझसे बुरा कोई नहीं होगा।

10 ) मुझे यह पता है कि तुम मेरी माँ हो।

11 ) द्वारिका वही जगह है जहां पर एक समय कृष्ण जी का राज था।

12 ) जब काली घटाएं छा गई तब मेघ बरसने लगे।

13 ) ज्यों ही मेला खत्म हुआ त्यों ही लोग अपने घर चले गए।

14 ) जैसे ही स्कूल की छुट्टी हुई वैसे ही बच्चे भाग निकले।

15 ) उतना ही खर्च करो जितना तुम वहन कर सको।

संयुक्त वाक्य | Sanyukt Vakya Kise Kahate Hain

प्रयोग और संरचना के आधार पर वाक्य के तीन प्रकार होते हैं, जिनमें से एक संयुक्त वाक्य (Sanyukt Vakya) होता है. संयुक्त वाक्य में दो या दो से अधिक स्वतंत्र साधारण वाक्य या प्रधान उपवाक्य होते हैं। इस लेख में हम संयुक्त वाक्य (Sanyukt Vakya) के बारे में विस्तार पूर्वक पढ़ेंगे। अतः संयुक्त वाक्य (Sanyukt Vakya) को परीक्षा के दृष्टिकोण से समझने के लिए सम्पूर्ण लेख को धैर्य पूर्वक पढ़ें।

जिस वाक्य में दो या दो से अधिक स्वतंत्र साधारण वाक्य या प्रधान उपवाक्य उपस्थित हों तो उस वाक्य को संयुक्त वाक्य (Sanyukt Vakya) कहते हैं। संयुक्त वाक्य में प्रयुक्त सभी उपवाक्य स्वतंत्र होते हैं, अर्थात किसी भी उपवाक्य को हटा देने से शेष वाक्यों के अर्थ पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है।

जैसे:-

  • राम खेल रहा है, मोहन पढ़ रहा है लेकिन श्याम लिख रहा है।

उपरोक्त वाक्य में तीन स्वतंत्र साधारण वाक्य हैं। आप देख सकते हैं कि प्रत्येक वाक्य का अपना कर्ता और क्रिया है। उपरोक्त वाक्य में से यदि किसी एक उपवाक्य को हटा दिया जाए तो अन्य उपवाक्यों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा, क्योंकि संयुक्त वाक्य का प्रत्येक उपवाक्य स्वतंत्र साधारण वाक्य होता है।

संयुक्त वाक्य की परिभाषा के अनुसार जिस वाक्य में दो या दो से अधिक स्वतंत्र साधारण वाक्य या प्रधान उपवाक्य उपस्थित हों तो उस वाक्य को संयुक्त वाक्य कहते हैं। अतः उपरोक्त वाक्य संयुक्त वाक्य का उदाहरण होगा।

संयुक्त वाक्य में प्रयुक्त सभी वाक्य संयोजक शब्दों ( किंतु, परंतु, लेकिन, तथा, या, एवं, अथवा, और, बल्कि, अतः) से जुड़े हुए रहते हैं, लेकिन यह कोई आवश्यक शर्त नहीं है, क्योंकि बिना संयोजक शब्दों के भी संयुक्त वाक्य हो सकता है।

संयुक्त वाक्य के प्रधान उपवाक्य चार प्रकार के समानाधिकरण संबंधबोधक अव्ययों से जुड़े रहते हैं.

  1. संयोजक (और)
  2. विभाजक (या)
  3. विरोधदर्शक (किन्तु, परन्तु)
  4. परिणामबोधक (इसलिए)

संयुक्त वाक्य के उदाहरण | Sanyukt vakya Ke Udaharan

  1. महेश खेलता है और रमेश पढता है।
  2. रमेश बीमार है इसलिए आज खेलने नहीं आया है।
  3. मैं स्कूल से घर आया ही था की श्याम अपनी पतंग लेकर आ गया और हम दोनों पतंग उड़ाने चले गए।
  4. श्याम मेहनती है किन्तु समय का पाबंद नहीं है।
  5. ग्रह सूर्य के आसपास घूमते हैं और उपग्रह सूर्य के आसपास घूमते हैं।
  6. गर्मी से धातु फैलती है और ठण्ड से सिकुड़ती है।
  7. हीरा खूबसूरत और कीमती होता है।
  8. में आगे बढ़ गया, और वह पीछे रह गया।
  9. उसको न नींद आती है, न भूख-प्यास लगती है।

आ की मात्रा के वाक्य, आ की मात्रा वाले वाक्य | AA Ki Matra Wale Vakya, AA Ki Matra Ke Vakya

रामआमनाम
कामखानागाना
जालाबाजाराजा
डराजालभरा
मराडालबाल
आठबाघराग
दामदालधरा
मायादानायाद
दागदातादादा
माताचाचामामा
ताराकाकानाना
धागाकायाकार
लालकालाहरा
लताशामनाव
धराशालरात
पासछायाहार
सालछाताहवा
गालघासराज
आ की मात्रा के वाक्य
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FAQ | वाक्य, Vakya, Vakya in Hindi

Q1. वाक्य किसे कहते हैं उदाहरण सहित लिखिए

Ans – जब किसी शब्द समूह से पूरी बात की समझ आ जाए तो वह वाक्य कहलाता है। जैसे भारत ने इंग्लैंड से क्रिकेट मैच जीता – इस शब्द समूह में हमें पूरी बात समझ आ रही है कि किस देश ने किस देश से मैच जीता इसलिए यह एक वाक्य का रूप है। 

Q2. वाक्यांश के लिए एक शब्द

Ans – शब्द समूह का वह सार्थक रूप जिससे एक विचार की स्पष्ट एवं पूर्ण अभिव्यक्ति होती हो, उसे वाक्यांश कहते हैं। वाक्यांश का अर्थ वाक्य का अंश होता है.

वाक्यांश के उदाहरण : घर का घर, सच बोलना, दूर से आया हुआ, काम करना, सवेरे जल्दी उठना, नदी के किनारे


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