बल किसे कहते हैं | Bal Kise Kahate Hain

अनुक्रमणिका

बल किसे कहते हैं | Bal Kise Kahate Hain

जब किसी पिंड को विराम अवस्था में से गतिमान अवस्था में लाते है। तथा गतिमान अवस्था में से विरामावस्था में लाते है। उसमे जिस कारक का उपयोग करते है। उसे बल कहते है। 

यदि आप कोई दरवाजा खोलना चाहते हैं तो उसे खोलने के लिए आपको उस पर बल लगाना पड़ता है। बल में वृद्धि करने पर वह तेजी से गति करता है। यदि आप दरवाजे को खुलने से रोकना चाहते हैं तब भी आपको उस पर बल आरोपित करना पड़ता है। और यदि आप दरवाजे की गति की दिशा को परिवर्तन करना चाहते हैं तब भी आप उस पर बल आरोपित करते हैं। किसी वस्तु पर आरोपित बल (Force) वह धक्का या खिंचाव है जो उस वस्तु को ऊर्जा देकर उसकी गति में परिवर्तन कर सकता है।

बल वह बाह्य कारक हैं जो किसी वस्तु की प्रारंभिक अवस्था में परिवर्तन करता हैं या परिवर्तन करने की चेष्टा करता हैं। दूसरे शब्दों में बल वह कारक होता है जो किसी भी रुकी हुई अथवा थमी हुई वस्तु में परिवर्तन ला सकता है।

जब कोई वस्तु किसी भी सीधे रास्ते पर चल रही होती है तो उसे रोकने के लिए या उसकी गति को और तेज करने के लिए जिस कारक का उपयोग किया जाता है उसे ही बल कहते है।

बल एक सदिश राशि है, इसमें परिमाण और दिशा दोनों होते हैं। अतः वस्तु पर कार्यरत बल निम्न प्रभाव को उत्पन्न कर सकता है।

  • विरामवस्था में स्थित वस्तु को गतिशील कर सकता है।
  • गतिशील वस्तु को विराम अवस्था में ले जा सकता है।
  • वस्तु की चाल में परिवर्तन कर सकता है। 
  • वस्तु की दिशा में परिवर्तन कर सकता है।
  • वस्तु की आकृति में परिवर्तन कर सकता है।

बल का विमीय सूत्र

बल का विमाय सूत्र = [M L T⁻²] होता हैं।

बल का मात्रक

बल का SI मात्रक newton (न्यूटन) होता है विमाय सूत्र = [M L T-2] बल एक सदिश राशि है।

बलों का मापन | Measurement of Forces

माना कि आप किसी दरवाजे को धकेल रहे हैं तथा दरवाजे की दूसरी तरफ खड़ा आपका मित्र भी उसे धकेल रहा है। दरवाजा किस ओर गति करेगा? इस प्रश्न का उत्तर देने के लिए आपको बल की माप ज्ञात होनी चाहिए। दरवाजा अधिक बल की दिशा में गति करेगा। परंतु यदि बल समान हो तो दरवाजा बिल्कुल गति नहीं करेगा। वैज्ञानिक बलों के ऐसे वर्णन; जैसे – ‘बड़ा’, ‘छोटा’ आदि को विश्वसनीय नहीं मानते बल्कि वे वनों का मापन अंकों तथा मात्रकों में करते हैं। बल का मीट्रिक मात्रक न्यूटन (N) है। ध्यान रखिए कि बल किसी वस्तु की गति को प्रभावित करता है। इसलिए न्यूटन बल का मापन खिंचाव अथवा धकेल द्वारा एक दिए गए द्रव्यमान की वस्तु में गति परिवर्तन के पदों में करता है। 

1 न्यूटन बल वह है जो 1 किग्रा द्रव्यमान की वस्तु की चाल में 1 मीटर प्रति सेकंड का परिवर्तन करता है। इसलिए

अतः बल =वस्तु का द्रव्यमान ×वस्तु की चाल में परिवर्तन

माना आप 5 किग्रा k1 पिंड को इस प्रकार धकेलना चाहते हैं कि उसकी चाल 1 सेकंड में 0 से 5 मीटर/सेकंड हो जाए तो आपको 5 × 5 = 25 न्यूटन बल लगाने की आवश्यकता होगी।

बल वस्तु के द्रव्यमान तथा उसकी गति में परिवर्तन के गुणनफल के बराबर होता है।

वैज्ञानिक बल को मापने के लिए कमानीदार तुला का प्रयोग करते हैं।

बल कितने प्रकार के होते हैं | Bal Kitne Prakar Ke Hote Hain

बल अनेक प्रकार के होते हैं। उनमें से कुछ बलों का वर्णन नीचे किया गया है —

पेशीय बल, पेशीय बल किसे कहते हैं | Muscular Force

जब हम अपने हाथों के द्वारा किसी वस्तु को ऊपर उठाते हैं तो हम अपनी भुजाओं की मांसपेशियों के द्वारा बल आरोपित करते हैं। मांसपेशियों द्वारा आरोपित बल को ही पेशीय बल कहते हैं। प्रायः मानव तथा पशुओं के द्वारा कार्य करने में पेशीय बल (Muscular Force) आरोपित किया जाता है।

चुंबकीय बल , चुंबकीय बल किसे कहते हैं | Magnetic Force

किसी चुंबक द्वारा आरोपित बल चुंबकीय बल कहलाता है। लोहा, कोबाल्ट तथा निकिल चुंबकीय पदार्थ होते हैं। यदि हम लोहे की छोटी-छोटी वस्तुओं; जैसे –पिन के समीप एक चुंबक लाएं तो चुंबक इन्हें अपनी ओर खींचती है। दो चुंबकों के समान ध्रुव एक-दूसरे को प्रतिकर्षित करते हैं तथा चुंबकों के विपरीत ध्रुव एक-दूसरे को आकर्षित करते हैं। कुछ खिलौने भी चुंबकीय बल के प्रभाव में कार्य करते हैं। चुंबक इन खिलौनों के अंदर छुपे रहते हैं।

गुरुत्वाकर्षण बल, गुरुत्वाकर्षण बल किसे कहते हैं | Gurutvakarshan Bal Kise Kahate Hain

ब्रह्मांड में पदार्थ का प्रत्येक कण दूसरे कण को अपनी ओर आकर्षित करता है। द्रव्यमानयुक्त वस्तुओं (पिंडों) द्वारा परस्पर आरोपित आकर्षण बल, गुरुत्वाकर्षण बल कहलाता है। उदाहरण के लिए, पत्थर का एक टुकड़ा पृथ्वी सहित दूसरी अन्य सभी वस्तुओं को आकर्षित करता है। बदले में पत्थर का टुकड़ा भी अन्य सभी वस्तुओं द्वारा आरोपित गुरुत्वाकर्षण बल का अनुभव करता है।

चंद्रमा द्वारा पृथ्वी की परिक्रमा करना भी गुरुत्वाकर्षण बल के कारण ही संभव है। ग्रह भी सूर्य के गुरुत्वाकर्षण बल का अनुभव करते हैं जो उन्हें उनकी कक्षाओं में ही बनाए रखता है। गुरुत्वाकर्षण बल तथा गुरुत्व बाल के बीच पर्याप्त अंतर होता है। गुरुत्वाकर्षण बल सार्वभौमिक होता है, परंतु गुरुत्व बल वह बल है जिससे पृथ्वी किसी वस्तु को अपने केंद्र की ओर खींचती है।

पृथ्वी सभी वस्तुओं पर गुरुत्व बल आरोपित करती है। इसी गुरुत्व बल के कारण सेब वृक्ष से टूटकर पृथ्वी पर गिरता है। जब एक गोताखोर तरणताल (तालाब) में गोता लगाता है तो वह गुरुत्व बल के फलस्वरूप ही नीचे आता है।

अभिकेन्द्रीय बल, अभिकेंद्र बल किसे कहते हैं | Centripetal Force

जब कोई वस्तु वृतीय पथ पर गति करता है तो उसके केंद्र से उस पर एक बल लगता है जो उसे प्रत्येक बिंदु पर केंद्र की ओर खींचता है। इस बल को अभिकेन्द्रीय बल कहते है।

अभिकेंद्रीय बल एक ऐसा बल है जो किसी भी वस्तु को वृत्तीय पथ (circular path) में घूमने में मदद करता है इसका मुख्य निर्देशित केंद्र में होता है और उसका परिमाण स्थिर रहता है यह किसी भी वस्तु के वजन (weight) व सामूहिक(mass) पर निर्भर करता है इसे ही अभिकेंद्रीय बल (Centripetal force) कहते है

अभिकेंद्रीय बल (Centripetal force) वो बल होता है जो किसी भी वस्तु को उसके केन्द्र में आकर्षित रखता है जब वह किसी भी वृत्तीय पथ (circular path) में चलता है तब यह तीन प्रकार पर निर्भर करता है

  1. वस्तु वृत्तीय पथ (circular path) में किस वेग (velocity) से चल रहा है
  2. वस्तु केंद्र से कितनी दूरी पर है पथ में
  3. वस्तु का द्रव्यमान क्या है

Newton ने अपने गति के दूसरे नियम में यह कहा है की यदि कही त्वरण(acceleration) लग रहा हो तो जिस दिशा में त्वरण(acceleration) लग रहा है तो उसी दिशा में कही पर बल भी जरूर लग रहा होगा
की अन्य शब्दो में कहे तो अभिकेंद्रीय बल में परिमाण हमेशा एक ही होता है पर वह लगातार अपनी दिशा को बदलता रहता है उसके केंद्र के अनुसार इसे ही अभिकेंद्रीय बल कहते है

अभिकेंद्रीय बल का सूत्र

अभिकेंद्रीय बल = द्रव्यमान

त्वरण : F=m×v²/r

यहाँ पर इस सूत्र में बल F है V वस्तु का वेग है m द्रव्यमान है r घुमावदार पथ की त्रिज्या

अभिकेंद्रीय बल (Centripetal force) के उदाहरण-

  1. गोल घूमते हुए झूले पर बैठे लोग अभिकेंद्रीय बल के कारण बाहर की और चले जाते है
  2. जब हम किसी रस्सी से गेंद को बांधकर रस्सी के एक छोर को पकड़कर चारों और घुमाते है तो उस रस्सी में जो तनाव पैदा होता है वह उस गेंद को केंद्र के इर्द गिर्द ही घूमता है यह अभिकेंद्रीय बल कहलाता है
  3. पृथ्वी के चारो और सूर्य जो परिक्रमा मार रहा है वह गुरुत्वाकर्षण बल से मरता है और यह भी अभिकेंद्रीय बल है

स्थिर वैद्युत बल, स्थिर वैद्युत बल किसे कहते हैं | Electrostatic Force

किसी स्थिर वैद्युत आवेश द्वारा आरोपित बल स्थिर – वैद्युत बल कहलाता है।

स्थिर वैद्युत बल अथवा इलेक्ट्रोस्टैटिक बल विद्युत आवेश कणों के कारण उत्पन्न होने वाला एक आकर्षक और प्रतिकारक बल है।

इसे कोलम्बस बल के नाम से भी जाना जाता है। कोलंब आकर्षण का नाम फ्रांसीसी वैज्ञानिक चार्ल्स-ऑगस्टिन डी कूलम्ब के नाम पर रखा जाएगा।

हालाँकि, प्रकृति की चार बुनियादी शक्तियों में से एक इलेक्ट्रोस्टैटिक बल है।

उदाहरण: ऐसे प्लास्टिक रैपिंग को किसी के हाथ से जोड़ने की शक्ति और साथ ही रैप से हाथ को हटाने और फोटोकॉपियर और लेजर प्रिंटर ऑपरेशन।

स्थिर वैद्युत बल विशेषताएँ

  • यह आकर्षण या प्रतिकर्षण पर हो सकता है।
  • यह बल निर्वात में भी कार्य करता है।
  • यह बल बलों के व्युत्क्रम नियम का पालन करता है।
  • यह दो आवेशों के मध्य अंतर्क्रिया बल है।
  • यह एक संरक्षी बल है।
  • यह न्यूटन के तृतीय नियम के अनुकूल है।
  • यह बल एक केंद्रीय बल है अर्थात यह बल दोनों आवेशों को मिलाने वाली रेखा के अनुदिश कार्य करता है।

घर्षण बल, घर्षण बल किसे कहते हैं | Frictional Force, Gharshan Bal Kise Kahate Hain

गतिमान वस्तुएं अपने आप विराम अवस्था में नहीं आती है। अतः वह अदृश्य बल, जिसके कारण एक गतिमान वस्तुएं विराम अवस्था में आ जाती हैं, घर्षण बल (Frictional Force) कहलाता है। घर्षण बल बह बल है जो किसी वस्तु की गति का विरोध करता है जिसके फलस्वरूप गतिमान वस्तु धीरे-धीरे विराम अवस्था में आ जाती है अर्थात रुक जाती है।

यह वह बल है जो किसी वस्तु की गति की दिशा के विपरीत दिशा में कार्य करता है यह दो सतहों के बीच कार्य करता है।

उदाहरण :-

  • जब हम चलते हैं तो यह बल हमारे चप्पल या जूते और धरती के बीच कार्य करता है।
  • जब सड़क पर कोई कार दौड़ती है तो यह बल सड़क और कार के टायर के बीच कार्य करता है।

घर्षण बल को कम करना (Reducing the friction force)

घर्षण बल को कम करने के लिए हम निम्न चीजों का उपयोग करते हैं।

  • चिकनी गोली
  • चिकनी समतल
  • समतल की सतह पर चिकनाई युक्त पदार्थ का उपयोग

घर्षण बल तीन प्रकार का हो सकता है

स्थैतिक घर्षण, स्थैतिक घर्षण बल किसे कहते हैं | Static Friction     

जब एक स्थिर पर स्थित किसी वस्तु को लगाकर गतिमान करने का प्रयास किया है, परंतु वस्तु गतिमान नहीं होती। इस दशा में बल के बराबर विपरीत दिशा में जो घर्षण है उसे स्थैतिक घर्षण कहते हैं।

सर्पी घर्षण, सर्पी घर्षण बल किसे कहते हैं | Sliding Friction

किसी सतह पर जब कोई वस्तु गतिमान होती है तो सतह के समानान्तर व विपरीत दिशा में जो घर्षण कार्य करता है उसी सर्पी बल कहते हैं।

लोटनिक घर्षण बल | Rolling Friction

जब कोई गोलाकार वस्तु किसी सतह पर लुढ़कती है तो दोनों सतहों के बीच व गति की विपरीत दिशा में लगने वाले घर्षण बल को लोटनिक घर्षण कहते हैं।

प्रबलता के आधार पर बल 

बल की प्रबलता के आधार पर बल दो प्रकार के होते है।

  • संतुलित (balanced force)
  • असंतुलित (unbalanced force)

संतुलित बल, संतुलित बल किसे कहते हैं | Santulit Bal Kise Kahate Hain

यदि कोई भी वस्तु पर लगने वाले सभी बलों का परिणामी बल शून्य हो तो उस वस्तु पर लगने वाले सभी संतुलित बल कहलाते हैं।

असंतुलित बल, असंतुलित बल किसे कहते हैं | Unbalanced Force

असंतुलित बल वह बल होता है जिसमे प्रस्ताव होता है जैसे की किसी रस्सी को दोनों तरफ से खींचा जाए और वह एक तरफ के लोगो को दूसरी तरफ ले आए।

यदि हम संतुलित बलों से शुरू करें और तब उनमें किसी एक बल को बढ़ा या घटा दे तो परिणामी बल शून्य नहीं रह जायेगा और वस्तु उस बढ़े हुए बल की दिशा में गति करना प्रारम्भ कर देगी।

अथार्थ उसमे त्वरण उत्पन्न हो जायेगा। इस स्तिथि में बल असंतुलित हो जायेगा जिसे असंतुलित बल कहा जायेगा।

उदाहरण :-

  • दरवाजे को खोलने या बंद करने के लिए खीचना अथवा धकेलना।
  • चलती हुई वाहन को रोकने के लिए ब्रेक लगाना।
  • किसी रुकी हुई वस्तु को धक्का मारना जिससे की वह चलने लगे।
  • किसी भी वस्तु को एक जगह से दूसरी जगह पहुँचाना।
  • ऊपर से गिरती हुई कोई वस्तु गुरुत्वाकर्षण की वजह से जमीन पे आ गिरती है यह भी बल है।
  • तराजू का एक तरफ झुक जाना आदि।

नाभिकीय बल, नाभिकीय बल किसे कहते हैं | Nuclear Force

परमाणु के नाभिकों के संयोजन (composition) या वियोजन या क्षय (Decay) के लिए जिम्मेदार बलों को नाभिकीय बल कहते हैं। संयोजन व वियोजन के ही आधार पर इन्हें दो रूपों में बांटा जा सकता है।

प्रबल बल | Strong Force

नाभिक में प्रोटोनों व न्यूट्रानों को बांधे रखने के लिए जिम्मेदार बल को प्रबल बल कहते हैं।

यह दो प्रोटोनों दो न्यूटानों या प्रोटान व न्यूट्रॉन के मध्य लगता है। जिसका परास (Range) बहुत कम (1015m of (order) वह प्रबलता बहुत अधिक होती है।

उदाहरण स्वरूप यदि दो प्रोटॉन एक फर्मी (1015m) की दूरी पर हो तो उनके बीच कार्यकारी प्रबल बल जो कि आकर्षण प्रवृत्ति का होता है, दोनों के बीच लगने वाले प्रतिकर्षी स्थिर वैद्युत बल का 10 गुना होता है। यही कारण है कि प्रोटॉन में रहने वाले कणों के बीच लगने वाला प्रबल बल दूरी बढ़ने पर बहुत तेजी से घटता है। यदि दोनों के बीच दूरी 15 फर्मी हो जाए तो यह मत नगण्य हो जाता है। माना जाता है कि प्रबल बल दो क्वार्कों की पारस्परिक क्रिया द्वारा उत्पन्न होते हैं। ये बल प्रकृति (nature) में सबसे शक्तिशाली माने जाते हैं।

दुर्बल बल | Weak Force 

रेडियो एक्टिव प्रक्रिया के दौरान निकलने वाले B- कणों या इलेक्ट्रॉनों का उत्सर्जन तब होता है जब नाभिक का कोई न्यूट्रॉन व प्रोटॉन, इलेक्ट्रॉन व एंटीन्यूट्रिनो के रूप में परिवर्तित होता है।

इलेक्ट्रॉनों व एंटीन्यूट्रिनो के बीच होने वाली पारस्परिक अभिक्रिया, दुर्बल बलों के कारण ही होती है। इन्हें दुर्बल या क्षीण बल इसलिए कहा जाता है क्योंकि इसका मान बहुत कम होता है। ऐसा माना जाता है कि ये बल W- बोसॉन नामक कण के आदान-प्रदान द्वारा उत्पन्न होते हैं। इन बलों को क्षीण बल भले ही कहा जाता है, परंतु इनका परिमाण गुरुत्वाकर्षण बल का लगभग 1025 गुना होता है। साथ ही इनका कार्यकारी परास (active range) बहुत कम होता है जो कि प्रोटोन व न्यूट्रॉन के आकार से भी कम होता है।

संपर्क तथा असंपर्क बल | Contact and Non-Contact Forces

संपर्क बल | Contact Forces

वे बल जो वस्तु पर तब कार्य करते हैं जब बल का स्त्रोत वस्तु के वास्तविक संपर्क में होता है, संपर्क 

बल कहलाते हैं। संपर्क बलों के कुछ उदाहरण निम्न प्रकार हैं –

(i) गोंद की ट्यूब से गोंद निकालने के लिए लगाया गया बल।

(ii) इंजन द्वारा डिब्बों को खींचने के लिए लगाया गया बल।

(iii) घोड़े द्वारा गाड़ी पर लगाया गया बल।

(iv) दीवार में कील गांड ने के लिए हथौड़े से लगाया गया बल।

सामान्य रूप से पेशीय बल, यांत्रिक बल तथा घर्षण बल संपर्क बल होते हैं।

असंपर्क बल, असंपर्क बल किसे कहते हैं | Non-Contact Forces

ऐसे बल जो अपने स्त्रोत की वस्तु के संपर्क में न होने पर वस्तु पर कार्य करते हैं, असंपर्क बल कहलाते हैं। असंपर्क बलों के कुछ उदाहरण निम्न प्रकार हैं –

(i) दो तार जिनमें एक ही दिशा में विद्युत धारा बह रही है, एक-दूसरे को चुंबकीय बल के कारण आकर्षित करते हैं।

(ii) एक आवेशित वस्तु किसी अनावेशित वस्तु या आवेशित वस्तु को विद्युत बल के कारण आकर्षित करती है।

(iii) एक चुंबक पास में रखी हुई लोहे की कील को चुंबकीय बल के कारण आकर्षित करती है।

(iv) किसी घर की छत से छोड़ी गई गेंद गुरुत्व बल के कारण नीचे गिरती है।

सामान्यतः चुंबकीय बल, विद्युत बल तथा गुरुत्वीय बल असंपर्क बल होते हैं।|

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बल के प्रभाव | Effect of Force

किसी वस्तु पर आरोपित बल उस पर निम्नलिखित प्रभाव उत्पन्न कर सकता है –

1. विरामावस्था अथवा गति अवस्था में परिवर्तन कर सकता है (Change in the state of rest or motion)

बल किसी वस्तु को गतिमान कर सकता है तथा गतिशील वस्तु को रोक सकता है। फुटबॉल पैर की ठोकर द्वारा आरोपित बल के प्रभाव में गति करती है। हम विपरीत दिशा में बल आरोपित करके इस गतिमान फुटबॉल को भी रोक सकते हैं।

2. चाल में परिवर्तन कर सकता है (Change in speed)

बल किसी गतिमान वस्तु की गति को बढ़ाने अथवा कम करने में सक्षम होता है। यदि किसी साइकिल सवार को एक लड़का साइकिल की गति की दिशा में पीछे से धक्का लगाता है तब इसकी गति बढ़ जाती है, परंतु यदि लड़का साइकिल को पीछे की ओर खींचता है तो साइकिल सवार की गति कम हो जाती है।

3. गति की दिशा परिवर्तित कर सकता है (Change Direction)

बल गतिमान वस्तु की गति दिशा में परिवर्तन कर सकता है। क्रिकेट के खेल में बल्लेबाज अपनी ओर आती हुई गेंद को बल्ले से मारकर उसकी दिशा में परिवर्तन कर देता है।

4. आकृति/आकार में परिवर्तन कर सकता है (Change in Shape)

बल किसी वस्तु के आकार/आकृति को परिवर्तित कर सकता है। जब किसी अदृढ़ (मुलायम) वस्तु; जैसे –टूथपेस्ट की ट्यूब, टमाटर, स्प्रिंग, लोहे की छड़ आदि पर बल आरोपित किया जाता है तो यह बल उस वस्तु के आकार अथवा आकृति में विकृति उत्पन्न कर देता है अर्थात परिवर्तन कर देता है।

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FAQ | बल | Force

Q1. बल किसे कहते हैं कितने प्रकार के होते हैं

Ans- बल, द्रव्यमान के साथ वस्तु का एक परस्पर क्रिया है, जो वस्तु के वेग को बदलने का कारण बनता है। इसे किसी विशेष वस्तु को धकेलने या खींचने के रूप में परिभाषित किया जा सकता है। बल, एक सदिश राशि है जिसका अर्थ है कि इसमें परिमाण और दिशा दोनों होते हैं।

बल तीन प्रकार के होते हैं- 1) चुंबकीय बल 2) स्थिर वैद्युत बल 3) गुरुत्वाकर्षण बल।

Q2. ससंजक बल किसे कहते हैं

Ans – ससंजक बल (Cohesive Force) यह एक ही पदार्थ के अणुओं के बीच लगने वाला आकर्षण बल ससंजक बल कहलाता है । बल के कारण ही पदार्थ के अणु एक दूसरे से बंधे होते हैं ।

ठोसो में ससंजक बल का मान अधिक होता है और गैसों में ससंजक बल का मान लगभग 0 के बराबर होता है ।

उदाहरण के लिए पानी ले सकते हैं ।

पानी का अणु H2O होता है । पानी के अणु एक दूसरे से ससंजक बल से जुड़े तो रहते हैं मगर इतनी मजबूती से नहीं अतः हम पानी को जिस बर्तन में रखते हैं उसका आकार ले लेता है ।

अगर हम पानी को गर्म करते हैं तो पानी के अणु का ससंजक बल (गुप्त उष्मा लेने के कारण) खत्म हो जाता है, वे एक दूसरे से स्वतंत्र हो जाते हैं और पानी वाष्प बन हवा में उड़ जाता है ।

इसके विपरीत जब हम पानी को ठंडा करते हैं तो अणुओं के बीच का ससंजक बल काफी बढ़ जाता है (अपने अंदर की गुप्त ऊष्मा बाहर छोड़ने के कारण) और पानी बर्फ बन कर ठोस हो जाता है ।

Q3. असम्पर्क बल किसे कहते हैं उदाहरण

Ans – वैसे बल जिसमे दो वस्तुओं के बिच सम्पर्क की आवश्यकता नहीं होती है असम्पर्क बल कहलाता है, इसे क्षेत्रीय बल भी कहते है। जैसे – गुरुत्वाकर्षण बल, चुंबकीय बल इत्यादि।

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