- शब्द किसे कहते हैं | Shabd Kise Kahate Hain
- शब्द के उदाहरण –
- परिभाषा
- शब्द के उदाहरण
- शब्द के भेद
- व्युत्पत्ति के आधार पर शब्द भेद, प्रकार
- रूढ़
- यौगिक
- योगरूढ़
- 1. अर्थ के आधार पर शब्द के भेद
- सार्थक शब्द
- सार्थक शब्दों के आठ भेद
- शब्द और पद
- निरर्थक शब्द
- 2. प्रयोग के आधार पर शब्द के भेद
- उत्पत्ति के आधार पर शब्द-भेद
- तत्सम शब्द, तत्सम शब्द किसे कहते हैं | Tatsam Shabd Kise Kahate Hain
- तत्सम शब्द के प्रकार
- परम्परागत तत्सम शब्द
- निर्मित तत्सम शब्द
- तद्भव शब्द, तद्भव शब्द किसे कहते हैं | Tadbhav Shabd Kise Kahate Hain
- तत्सम-तद्भव शब्द
- देशज शब्द
- देशज शब्द के प्रकार
- अनुकरण वाचक देशज शब्द
- अनुकरण रहित देशज शब्द
- विदेशज शब्द
- प्रयोग के अनुसार शब्द–भेद
- विकारी शब्द, विकारी शब्द किसे कहते हैं | Vikari Shabd Kise Kahate Hain
- अविकारी शब्द, अविकारी शब्द किसे कहते हैं | Avikari Shabd Kise Kahate Hain
- पर्यायवाची शब्द किसे कहते हैं | Paryayvachi Shabd Kise Kahate Hain
- पर्यायवाची शब्द के कितने प्रकार के होते है
- पुर्ण पर्यायवाची शब्द
- आपुर्ण पर्यायवाची शब्द
- विलोम शब्द किसे कहते हैं | Vilom Shabd Kise Kahate Hain, Vilom Shabd Kya Hai
- विलोम शब्द के उदाहरण
- विलोम शब्द के नियम | Vilom Shabd Ke Niyam
- विलोम शब्द बनाने की विधियाँ | Vilom Shabd Banane Ki Vidhiyan
- लिंग परिवर्तन के द्वारा
- उदाहरण
- उपसर्ग जोड़ कर
- उपसर्ग बदलकर
- निपात शब्द किसे कहते हैं | Nipat Shabd Kise Kahate Hain
- तुकांत शब्द किसे कहते हैं | Tukant Shabd Kise Kahate Hain
- तुकांत शब्द उदाहरण
- FAQ | पर्यायवाची शब्द, Shabd Kya Hai
शब्द किसे कहते हैं | Shabd Kise Kahate Hain
एक या एक से अधिक वर्णों से बनी हुई स्वतंत्र सार्थक ध्वनि शब्द है।
जैसे- एक वर्ण से निर्मित शब्द- न (नहीं) व (और) अनेक वर्णों से निर्मित शब्द-कुत्ता, शेर, कमल, नयन, प्रासाद, सर्वव्यापी, परमात्मा आदि।
व्याकरण में वह शब्द जिससे किसी व्यापार का होना या किया जाना सूचित होता है।
जब दो अथवा दो से अधिक वर्ण यानी अक्षर मिलकर एक व्यवस्थित एवं स्वतंत्र ध्वनि समूह का निर्माण करते हैं, जिसे शब्द कहते हैं।
एक वाक्य में समझे तो शब्द की परिभाषा कुछ इस प्रकार हो सकता है – एक या एक से अधिक अक्षरों के योग को शब्द कहते हैं।
शब्द के उदाहरण –
- सही -> स+ह+इ ✓ तीन अक्षर से बना है।
- और -> औ+र ✓ दो अक्षर से बना है।
- गलत -> ग+ल+त ✓ तीन अक्षर से बना है।
परिभाषा
शब्द किसे कहते हैं, एक या एक से अधिक वर्णों के मेल से बनी सार्थक ध्वनि समूह को शब्द कहते है| या शब्द किसे कहते हैं, वर्णों के उस सार्थक मेल से बने वर्ण-समूह को शब्द कहते है, जिसका कुछ अर्थ निकलता हो| जैसे – दिनेश, संतरा, मेज, कुर्सी आदि|
यहाँ सार्थक मेल का अर्थ यह है कि हम केवल वर्णों के मेल को ही ‘शब्द’ नहीं कह सकते है| बल्कि उनका मेल होने से वर्ण समूह का एक निश्चित अर्थ भी निकलना चाहिए| जैसे – ‘कमल’ | शब्द का अर्थ है – फूल विशेष, लेकिन ‘मकल’ या ‘लमक’ आदि कहने से किसी अर्थ की प्राप्ति नहीं होती है, हालांकि ‘कमल’ की भाँति इन शब्दों में भी वही तीन-तीन वर्ण है|
जब दो अथवा दो से अधिक वर्ण यानी अक्षर मिलकर एक व्यवस्थित एवं स्वतंत्र ध्वनि समूह का निर्माण करते हैं, जिसे शब्द कहते हैं।
एक वाक्य में समझे तो शब्द की परिभाषा कुछ इस प्रकार हो सकता है – एक या एक से अधिक अक्षरों के योग को शब्द कहते हैं।
शब्द के उदाहरण
- सही -> स+ह+इ ✓ तीन अक्षर से बना है।
- और -> औ+र ✓ दो अक्षर से बना है।
- गलत -> ग+ल+त ✓ तीन अक्षर से बना है।
शब्द के भेद
शब्दों के कई प्रकार से भेद किए जाते है। जैसे – अर्थ के आधार पर, प्रयोग के आधार पर, उत्पति के आधार पर| परन्तु यहाँ हम केवल अर्थ तथा प्रयोग के आधार पर ही शब्द के भेदों का चर्चा करेंगे।
व्युत्पत्ति के आधार पर शब्द भेद, प्रकार
1-रूढ़
2-यौगिक
3-योगरूढ़
रूढ़
जो शब्द किन्हीं अन्य शब्दों के योग से न बने हों और किसी विशेष अर्थ को प्रकट करते हों तथा जिनके टुकड़ों का कोई अर्थ नहीं होता, वे रूढ़ कहलाते हैं। जैसे-कल, पर। इनमें क, ल, प, र का टुकड़े करने पर कुछ अर्थ नहीं हैं। अतः यह निरर्थक हैं।
यौगिक
जो शब्द कई सार्थक शब्दों के मेल से बने हों,वे यौगिक कहलाते हैं। जैसे-देवालय=देव+आलय, राजपुरुष=राज+पुरुष, हिमालय=हिम+आलय, देवदूत=देव+दूत आदि। ये सभी शब्द दो सार्थक शब्दों के मेल से बने हैं।
यौगिक शब्द – जो शब्द अन्य शब्दों के योग से बने हो तथा खण्ड करने पर जिनके प्रत्येक खण्ड का कोई सार्थक अर्थ हो, उन्हें यौगिक शब्द कहते है| जैसे –
नक्षत्रमण्डल = नक्षत्र + मण्डल | विधालय = विधा + आलय |
पाठशाला = पाठ + शाला | डाकघर = डाक + घर |
योगरूढ़
वे शब्द, जो यौगिक तो हैं, किन्तु सामान्य अर्थ को न प्रकट कर किसी विशेष अर्थ को प्रकट करते हैं, योगरूढ़ कहलाते हैं। जैसे-पंकज, दशानन आदि। पंकज=पंक+ज (कीचड़ में उत्पन्न होने वाला) सामान्य अर्थ में प्रचलित न होकर कमल के अर्थ में रूढ़ हो गया है। अतः पंकज शब्द योगरूढ़ है। इसी प्रकार दश (दस) आनन (मुख) वाला रावण के अर्थ में प्रसिद्ध है।
योगरूढ़ शब्द – एक से अधिक शब्दों के मेल से बने ऐसे शब्द जिनके प्रयोग उनके खण्डो के अर्थ से भिन्न किसी विशिष्ट अर्थ में प्रसिद्ध हो गए है| उन्हें योगरूढ़ शब्द कहते है| जैसे –
पंकज = पंक + ज (कीचड़ में पैदा होने वाला) = कमल |
लम्बोदर = लम्ब + उदर (बड़े पेट वाला) = गणेश जी |
दशानन = दश + आनन ( दस मुख वाला ) = रावण |
नीलकंठ = नील + कंठ ( नीले कंठ वाला ) = शिव जी |
1. अर्थ के आधार पर शब्द के भेद
अर्थ के आधार पर शब्द के दो भेद होते है
सार्थक शब्द
सार्थक शब्द की परिभाषा:-सार्थक शब्द वे होते है, जो वाक्य प्रयोग करने पर खास अर्थ का बोध कराते है | तथा सार्थक शब्दों को ही पद कहा जाता है। जिन शब्दों का कुछ-न-कुछ अर्थ हो वे शब्द सार्थक शब्द कहलाते हैं।
जैसे- रोटी, पानी, ममता, डंडा आदि।
किसी निश्चित अर्थ का बोध कराने वाले शब्दों को सार्थक शब्द कहा जाता है। जिस प्रकार मोहन, घर, रात, आना, नीचे, ऊपर आदि सार्थक शब्द हैं।
व्याकरण के अनुसार सार्थक शब्दों के आठ भेद होते हैं। इनमें से प्रथम चार प्रकार के शब्द- संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण और क्रिया विकारी होते हैं, क्योंकि ये शब्द लिंग, वचन, कारक आदि से विकृत हो जाते हैं।
सार्थक शब्दों के आठ भेद
1-संज्ञा
2-सर्वनाम
3-विशेषण
3-क्रिया
4-क्रियाविशेषण
5-सम्बन्धबोधक
6-समुच्यबोधक
7-विस्मयादिबोधक
शब्द और पद
सार्थक वर्ण-समूह शब्द कहलाता है, किंतु जब इसका प्रयोग वाक्य में होता है तो वह व्याकरण के नियमों में बँध जाता है और इसका रूप भी बदल जाता है। जब कोई शब्द वाक्य में प्रयुक्त होता है तो उसे शब्द न कहकर पद कहा जाता है।
निरर्थक शब्द
निरर्थक शब्द की परिभाषा:-जिन शब्दों का कोई अर्थ नहीं होता है वे शब्द निरर्थक कहलाते हैं। जैसे-रोटी-वोटी, पानी-वानी, डंडा-वंडा;इनमें वोटी, वानी, वंडा आदि निरर्थक शब्द हैं। निरर्थक शब्दों पर व्याकरण में कोई विचार नहीं किया जाता है।
जिन शब्दों का कोई अर्थ नहीं होता है, उन्हें निरर्थक शब्द कहते हैं। निरर्थक शब्दों को अक्सर सार्थक शब्दों के साथ प्रयोग में लाते हैं।
जैसे-
- होटल वोटल का खाना रोज नही खाना चाहिए।
- यहाँ वोटल शब्द निरर्थक है।
- आपने चाय वाय पिया की नही?
- इस वाक्य में वाय निरर्थक है।
- अरे भई कपड़े वपड़े आ गए या नहीं?
- यहाँ वपड़े निरर्थक शब्द है।
2. प्रयोग के आधार पर शब्द के भेद
बालिका स्कूल जाती है।
बालिकाएँ स्कूल जाती है।
गाय और भैस घास चार रही है।
गायें और भैंसे घास चार रही है।
पहले और दुसरे वाक्य में कुछ शब्दों में लिंग, वचन और कारक आदि के कारण परिवर्तन हो गया है। जैसे – पहले वाक्य में प्रयुक्त बालिका शब्द दुसरे वाक्य में बालिकाएँ बन गया, लेकिन तीसरे वाक्य में ‘और’ शब्द में कोई परिवर्तन अनहि हुआ।
उत्पत्ति के आधार पर शब्द-भेद
1-तत्सम
2-तद्भव
3-देशज
4-विदेशज
तत्सम शब्द, तत्सम शब्द किसे कहते हैं | Tatsam Shabd Kise Kahate Hain
तत्सम शब्द की परिभाषा:- तत्सम शब्द संस्कृत भाषा के दो शब्दों, तत् + सम् से मिलकर बना है। तत् का अर्थ है – उसके, तथा सम् का अर्थ है – समान। अर्थात – ज्यों का त्यों। जिन शब्दों को संस्कृत से बिना किसी परिवर्तन के ले लिया जाता है, उन्हें तत्सम शब्द कहते हैं। इनमें ध्वनि परिवर्तन नहीं होता है। हिन्दी, बांग्ला, कोंकणी, मराठी, गुजराती, पंजाबी, तेलुगू, कन्नड, मलयालम, सिंहल आदि में बहुत से शब्द संस्कृत से सीधे ले लिए गये हैं, क्योंकि इनमें से कई भाषाएँ संस्कृत से जन्मी हैं।
जैसे – अग्नि, आम्र, अमूल्य, चंद्र, क्षेत्र, अज्ञान, अन्धकार आदि।
तत्सम – ‘तत्सम’ का अर्थ है उस (संस्कृत) के समान अर्थात संस्कृत के वे शब्द जो हिन्दी में ज्यो के त्यों प्रयुक्त होते है तत्सम शब्द कहलाते है| जैसे –
अक्षर | अजेय | पुष्प | नदी |
आकाश | पर्वत | नगर | स्थान |
रीति | आजीविका | अध्यापक | जल |
शिक्षक | मति | नीति | क्षण |
बालक | आशीर्वाद | आधार | आहार |
अंकुर | खंडन | तरुण | धन्य |
चकित | उधान | अपमान | इच्छा |
टिप्पणी | कनिष्ट | निशा | दहन |
तत्सम शब्द के प्रकार
तत्सम शब्द के दो रूप उपलब्ध है।
1-परम्परागत तत्सम शब्द
2-निर्मित तत्सम शब्द
परम्परागत तत्सम शब्द
जो शब्द संस्कृत साहित्य में उपलब्ध है| जिसका प्रचलन संस्कृत भाषा में है | ऐसे शब्दों को परम्परागत तत्सम शब्द कहते हैं।
निर्मित तत्सम शब्द
निर्मित तत्सम शब्द उस शब्द को कहते है,जो शब्द संस्कृत साहित्य में नहीं है। परंतु संस्कृत शब्दों के समान शब्द निर्मित कर लिये जाते है।
तद्भव शब्द, तद्भव शब्द किसे कहते हैं | Tadbhav Shabd Kise Kahate Hain
तद्भव शब्द की परिभाषा:- तत्सम शब्दों में समय और परिस्थितियों के कारण कुछ परिवर्तन होने से जो शब्द बने हैं, उन्हें तद्भव कहते हैं। तद्भव का शाब्दिक अर्थ है – उससे बने (तत् + भव = उससे उत्पन्न), अर्थात जो उससे (संस्कृत से) उत्पन्न हुए हैं। यहाँ पर तत् शब्द भी संस्कृत भाषा की ओर इंगित करता है। अर्थात जो संस्कृत से ही बने हैं। इन शब्दों की यात्रा संस्कृत से आरंभ होकर पालि, प्राकृत, अपभ्रंश भाषाओं के पड़ाव से होकर गुजरी है और आज तक चल रही है।
जैसे – मुख से मुँह, ग्राम से गाँव, दुग्ध से दूध, भ्रातृ से भाई आदि।
किसी भाषा के मूल शब्दों को तत्सम शब्द कहा जाता है। परन्तु प्रयोग किये जाने के बाद इन शब्दों का स्वरुप बदलता जाता है। यह स्वरुप मूल शब्द से काफी भिन्न हो जाता है। तत्सम शब्दों के इसी बदले हुए रूप को तद्भव शब्द कहा जाता है। तद्भव वे शब्द होते हैं जो संस्कृत और प्राकृत से विकृत होकर आधुनिक हिंदी भाषा में शामिल हुए हैं।
तद्भव शब्द दो शब्दों तत् + भव से मिलकर बना है। जिसका अर्थ है – उससे उत्पन्न।अत: कहा जा सकता है, कि “संस्कृत भाषा के वे शब्द जो कुछ परिवर्तन के साथ हिंदी शब्दावली में आ गए हैं, उसे तद्भव शब्द कहा जाता है।“
तत्सम शब्द का बिगड़ा रूप ही तद्भव है। यह परिवर्तन संस्कृत,पालि तथा अपभ्रंश भाषाओं से होते हुए हिंदी में आयें है,कहीं-कहीं परिवर्तन इतना हुआ है, कि तत्सम और तद्भव शब्दों में काफी अंतर है। हिंदी भाषा में तद्भव शब्दों का विशाल भण्डार हैं तथा हिंदी साहित्य में तद्भव शब्दों का अपना महत्व भी है। जो हिंदी शब्दकोष में वृद्धि कर शब्द भण्डार को उन्नति के पथ पर अग्रसर करते हैं।
तत्सम-तद्भव शब्द
तत्सम– चन्द्र, ग्राहक, मयूर, विद्युत, वधू, नृत्य, गौ, ग्रीष्म, आलस्य, श्रंगार, सर्प, कृषक, ग्राम, गृह
तद्भव– चाँद, गाहक, मोर, बिजली, बहू, नाच, गाय, गर्मी, आलस, सिंगार, साँप, किसान, गाँव, घर
तद्भव शब्द – ‘तद्भव’ का अर्थ है उस (संस्कृत) से उत्पन्न अर्थात संस्कृत भाषा के वे शब्द जो अपने रूप को बदल कर हिन्दी में मिल गए है, तद्भव शब्द कहलाते है| जैसे –
तत्सम | तद्भव | तत्सम | तद्भव |
अग्नि | आग | कोकिल | कोयल |
घोटक | घोडा | कीट | कीड़ा |
हस्त | हाथ | हस्ती | हाथी |
दुग्ध | दूध | स्कन्ध | कन्धा |
उलूक | उल्लू | रात्रि | रात |
आम्र | आम | अक्ष | आँख |
निद्रा | नींद | स्वशुर | ससुर |
देशज शब्द
देशज की परिभाषा:-वे शब्द जिनकी उत्पत्ति के मूल का पता न हो परन्तु वे प्रचलन में हों। ऐसे शब्द देशज शब्द कहलाते हैं। ये शब्द आम तौर पर क्षेत्रीय भाषा में प्रयोग किये जाते हैं। लोटा, कटोरा, डोंगा, डिबिया, खिचड़ी, खिड़की, पगड़ी, अंटा, चसक, चिड़िया, जूता, ठेठ, ठुमरी, तेंदुआ, फुनगी, कलाई। या
वे शब्द जो स्थानीय भाषा के शब्द होते है, ये देश की विभिन्न बोलियों से लिए जाते है, अर्थात् तत्सम् शब्द को छोड़ कर, देश की विभिन्न बोलियों से आये शब्द देशज शब्द है। इन्हें आवश्यकता अनुसार प्रयोग किया जाता है और ये बाद में प्रचलन में आकर हमारी भाषा का हिस्सा बन जाते हैं।
दूसरे शब्दों में- वे शब्द जिनकी व्युत्पत्ति की जानकारी नहीं है, बोल चाल के आधार पर स्वत: निर्मित हो जाते हैं, उसे देशज शब्द कहते हैं। इन्हें देशी शब्द भी कहा जाता है। जैसे-पगड़ी, गाड़ी, थैला, पेट, खटखटाना आदि।
देशज शब्द – जो शब्द देश की विभिन्न भाषाओ से हिन्दी में अपना लिए गए है, उन्हें देशज या देशी शब्द कहते है| जैसे –
बाप | लड़का | लड़की | पगड़ी |
पेट | खिड़की | गाड़ी | परत |
खुरपा | झगडा | लकड़ी | ढेर |
लट्टू | पेड़ | दीदी | टिका |
झुग्गी | ढाँचा | लोटा | चिमटा |
विदेशी शब्द – जो शब्द विदेशी भाषाओ जैसे – अंग्रेजी, उर्दू, फारसी से हिन्दी में आ गए है, उन्हें विदेशी शब्द कहते है| जैसे – रेडियो, स्कूल, गमला, आलू, फर्श, कालीन, दाम, कूपन, गिरजा, रुमाल, बाग़, नमक, बीमार, डेल्टा, टेलीफ़ोन, चाय, कमीज आदि।
देशज शब्द के प्रकार
देशज शब्द दो प्रकार के होते है।
1-अनुकरण वाचक देशज शब्द
2-अनुकरण रहित देशज शब्द
अनुकरण वाचक देशज शब्द
जब पदार्थ की कल्पित या वास्तविक ध्वनि को ध्यान में रखकर शब्दों का निर्माण किया जाता है, तो वे अनुकरण वाचक देशज शब्द कहलाते हैं।
जैसे – खटखटाना, गडगडाना, हिनहिनाना, कल-कल तथा पशु पक्षियों की आवाजें इसमें आती हैं।
अनुकरण रहित देशज शब्द
वे शब्द जिनके निर्माण की प्रक्रिया का पता नहीं होता है, उन्हें अनुकरण रहित देशज शब्द कहते हैं।
जैसे – कपास, कौड़ी, बाजरा, अँगोछा, जूता, लोटा, ठर्रा, ठेस, घेवर, झण्डा, मुक्का, लकड़ी, लुग्दी।
विदेशज शब्द
विदेशी या विदेशज की परिभाषा:-जो शब्द विदेशी भाषा के हैं, परंतु हिंदी में उन शब्दों का प्रचलन हो रहा है। ऐसे शब्द विदेशी शब्द कहे जाते हैं। विदेशी शब्द हिंदी भाषा में इस प्रकार घुल-मिल गये है कि उनको पहचानना मुश्किल है। विदेशी जातियों के संपर्क से उनकी भाषा के बहुत से शब्द हिन्दी में प्रयुक्त होने लगे हैं। ऐसे शब्द विदेशी अथवा विदेशज कहलाते हैं। जैसे-स्कूल, अनार, आम, कैंची,अचार, पुलिस, टेलीफोन, रिक्शा आदि।
दूसरे शब्दों में – विदेशी भाषाओं से हिंदी में आये शब्दों को विदेशी शब्द कहा जाता है। इन विदेशी भाषाओं में मुख्यतः अरबी, फारसी, तुर्की, अंग्रेजी व पुर्तगाली शामिल है। ऐसे शब्द जो अपने देश से बाहर की भाषा से आकर हिन्दी में शामिल हुए हों, विदेशज कहलाते हैं।
उदाहरण –
- अंग्रेजी से: स्कूल, पेन, लाईट, रोड, सिटी, बस, ट्रेन…..इत्यादि।
- चीनी से: चाय, लीची….इत्यादि।
- पुर्तगाली से: रुमाल, महाराज़, जलेबी, आलमारी, चार, चाबी, संतरा, साबून, पपीता, बाल्टी, गमला, आलू, कमीज, अगस्त, आलपिन, आलू….इत्यादि।
- अरबी शब्द: औरत, अदालत, कानून, कुर्सी, कीमत, गरीब, तारिख, जुर्माना, जिला, शादी, सुबह, हुक्म, हिसाब
- फारसी शब्द: आदमी, तनख्वाह, चश्मा, बीमार, मजदूर, मजबूर, समोसा, दीवार, दरवाजा, नमक, अखबार
- फैंच शब्द: काजू, कारतूश, मेयर, कूपन, अंग्रेज, मीनू, सूप ।
- डंच भाषा: तुरूप, बम, चिडिया, ड्रिल।
- रूसी शब्द: बुजूर्ग, स्पुत्निक लूना।
- यूनानी शब्द: एकेडमी, एटलस, बाइबिल, टेलिफोन, एटम।
प्रयोग के अनुसार शब्द–भेद
प्रयोग या विकार के अनुसार शब्द दो प्रकार के होते है|
विकारी शब्द, विकारी शब्द किसे कहते हैं | Vikari Shabd Kise Kahate Hain
जिन शब्दों के रूप में लिंग, वचन, कारक तथा काल के अनुसार परिवर्तन या विकार आता है, उन्हें विकारी शब्द कहते है|
लिंग | लड़का खेलता है | लड़की खेलती है |
वचन | लड़की खेलती है | लडकियाँ खेलती है |
कारक | लड़का खेलता है | लड़के को खेलने दो |
विकारी शब्द चार प्रकार के होते है।
संज्ञा – वरुण, हिमालय, आम, गाय, जवानी, हरियाली, आदि।
सर्वनाम – मै, हम, वह, वे, यह, ये, आदि।
विशेषण – अच्छा, अच्छे, बुरा, बुरी, ऊँचा, ऊँचे आदि
क्रिया – पढता है, पढ़ती है, पढ़ेगा, पढेंगे आदि।
अविकारी शब्द, अविकारी शब्द किसे कहते हैं | Avikari Shabd Kise Kahate Hain
जिन शब्दों में लिंग, वचन, कारक तथा काल के कारण कोई परिवर्तन या विकार नही होता, वे अविकारी शब्द कहलाते है| जैसे –
लड़का तेज दौड़ता है – लड़के तेज दौड़ते है।
पर्यायवाची शब्द किसे कहते हैं | Paryayvachi Shabd Kise Kahate Hain
भाषा में शब्द और अर्थ दोनों का अपना विशिष्ट स्थान एवं महत्त्व है। एक अर्थ के द्योतन हेतु एक शब्द विशेष होता है। परंतु भाषा-प्रयोग की दृष्टि से उस एक ही शब्द का अनेक बार प्रयोग उचित प्रतीत नहीं होता। ऐसी परिस्थिति में निहितार्थ की अभिव्यक्ति हेतु उसी के समान अर्थ प्रतीति कराने वाले अन्य शब्द का प्रयोग किया जाता है। ऐसे समानार्थी शब्द ही पर्यायवाची शब्द कहलाते हैं।
परिभाषा: जो शब्द समान अर्थ के कारण दुसरे शब्द का स्थान गृहण कर लेते है, वे पर्यायवाची शब्द कहलाते है अर्थात इसमे एक शब्द के लिए कई शब्दो का प्रयोग किया जा सकता है। किसी भी शब्द के लिए प्रयुक्त समान अर्थ देने वाले शब्द पर्यायवाची शब्द कहलाते है।
जैसे : दोस्त — मित्र , साथी , मित , सहचर
पर्यायवाची शब्द के कितने प्रकार के होते है
पर्यायवाची शब्द की परिभाषा और पर्यायवाची शब्द किसे कहते है ये जानने के बाद अब हम ये जानते है की पर्यायवाची शब्द के कितने प्रकार हिते है । पर्यायवाची शब्द दो प्रकार के होते है
(1). पुर्ण पर्यायवाची शब्द
(2). आपुर्ण पर्यायवाची शब्द
पुर्ण पर्यायवाची शब्द
जिस वाक्य में किसी शब्द के स्थान पर उसका पर्यायवाची शब्द रखने पर वाक्य के अर्थ में कोई परिवर्तन नही होता ऐसे शब्दो को हम पुर्ण पर्यायवाची शब्द कहते है ।
आपुर्ण पर्यायवाची शब्द
जिस वाक्य में दो पर्यायवाची शब्दों का एक दुसरे के स्थान पर प्रयोग नही किया जा सकता, ऐसे शब्दो को आपुर्ण पर्यायवाची शब्द कहते है ।
शब्द | पर्यायवाची शब्द |
अग्नि | अनल, आग, पावक, दहन, कृशानु, वह्नि। |
अलंकार | गहना, भूषण, आभूषण, विभषण, जेवर। |
अमृत | अमिय, पीयूष, सोम, सुधा, अमी, सुरभोग। |
असुर | दानव, राक्षस, निशाचर, तमचर, रजनीचर, दैत्य, रात्रिचर। |
अपमान | अनादर, अवज्ञा, अवहेलना, अवमान, तिरस्कार। |
अतिथि | आगन्तुक, पाहुन, मेहमान, अभ्यागत। |
अजेय | अजित, अपराजित, अपराजेय |
अनुपम | अपूर्व, अनोखा, अतुल, अनूठा |
अश्व | तुरंग, घोड़ा, घोटक, हरि, बाजि, सैन्धव, हय |
अंधकार | तम, तिमिर, तमस, तमिस्र, अंधेरा। |
अनुचर | नौकर, दास, सेवक। |
विलोम शब्द किसे कहते हैं | Vilom Shabd Kise Kahate Hain, Vilom Shabd Kya Hai
विलोम शब्द का अर्थ उल्टा होता है. अतः किसी शब्द का विलोम शब्द वह शब्द है, जो उस शब्द के अर्थ के ठीक उल्टा अर्थ बताता हो. किसी शब्द के विपरीत अर्थ को व्यक्त करने वाले शब्द को उस शब्द का विलोम शब्द कहते हैं. विलोम शब्द को विपरीतार्थक शब्द के नाम से भी जाना जाता है।
विलोम शब्द के उदाहरण
- अति – अल्प
- अर्वाचीन – प्राचीन
- अज्ञ – विज्ञ
- अल्पज्ञ – बहुज्ञ
- अतुकान्त – तुकान्त
- अकर्मक – सकर्मक
- अनित्य – नित्य
- अनुराग – विराग
- अनुरक्त – विरक्त
- अल्पप्राण – महाप्राण
विलोम शब्द के नियम | Vilom Shabd Ke Niyam
- किसी शब्द का विलोम शब्द उसी श्रेणी का होगा जिस श्रेणी का शब्द है, अर्थात तद्भव शब्द का विलोम तद्भव एवं तत्सम शब्द का विलोम तत्सम होगा।
- मूल शब्द यदि संज्ञा शब्द है तो विलोम शब्द भी संज्ञा ही होगा।
- मूल शब्द यदि सर्वनाम, क्रिया, विशेषण या क्रिया विशेषण शब्द है तो विलोम शब्द भी सर्वनाम, क्रिया, विशेषण या क्रिया विशेषण ही होगा।
विलोम शब्द बनाने की विधियाँ | Vilom Shabd Banane Ki Vidhiyan
लिंग परिवर्तन के द्वारा
किसी संज्ञा शब्द का लिंग बदलकर उसका विलोम शब्द बताया जा सकता है. जैसे: शेर-शेरनी, लड़का-लड़की आदि।
उदाहरण
शब्द | उपसर्ग | विलोम शब्द |
---|---|---|
घात | प्रति- | प्रतिघात |
सभ्य | अ- | असभ्य |
यश | अप- | अपयश |
पाप | निष्- | निष्पाप |
राग | वि- | विराग |
उपसर्ग जोड़ कर
किसी शब्द के आगे उपसर्ग जोड़कर उसका विलोम शब्द बनाया जा सकता है।
उपसर्ग बदलकर
कुछ विलोम शब्दों का निर्माण मूल शब्द के उपसर्ग में बदलाव करके भी किया जाता है.
शब्द | विलोम शब्द |
---|---|
आ + दान = आदान | प्र + दान = प्रदान |
उत् + कर्ष = उत्कर्ष | अप + कर्ष = अपकर्ष |
निपात शब्द किसे कहते हैं | Nipat Shabd Kise Kahate Hain
किसी भी बात पर अतिरिक्त भार देने के लिए जिन शब्दों का प्रयोग किया जाता है उसे निपात कहते है।
जैसे- तक, मत, क्या, हाँ, भी, केवल, जी, नहीं, न, काश।
उदाहरण- तुम्हें आज रात रुकना ही पड़ेगा।
- तुमने तो हद कर दी।
- कल मै भी आपके साथ चलूँगा।
- गांधीजी को बच्चे तक जानते है।
- धन कमा लेने मात्र से जीवन सफल नहीं हो जाता।
- नीरव खाने के साथ पानी भी पिता था।
संसार की विभिन्न भाषाओं में अनेक दृष्टियों से शब्दों का वर्गीकरण किया गया है। भारतवर्ष में शब्दों का प्राचीनतम वैज्ञानिक वर्गीकरण यास्क मुनि का माना जाता है। इसके अनुसार शब्द चार प्रकार के खातों में खतियाये गये हैं।
तुकांत शब्द किसे कहते हैं | Tukant Shabd Kise Kahate Hain
हिंदी भाषा में तुकांत शब्द ऐसे दो शब्दों को कहाँ जाता है जिनके अंत का वर्ण सामान हो, जैसे – पाना-खोना। अब इन दोनों शब्दों पाना और खोना का अंतिम वर्ण (अक्षर) ‘ना’ है जो दोनों में सामान है इसलिए इन दोनों शब्दों को तुकांत शब्द कहाँ जाएगा। तुकांत शब्दों को सामान तुक वाले शब्द भी कहाँ जाता है। ऐसे शब्दों का प्रयोग हिंदी साहित्य में भाषा की सुंदरता बढाने के लिए किया जाता है।
इन शब्दों का उपयोग तुकबंदी के लिए हिंदी कविताओं, नारों और फिल्मो के गानों में भी किया जाता है।
तुकांत शब्द उदाहरण
धन | वन |
राम | शाम |
अगर | मगर |
आन | बान |
काट | छाट |
शौर्य | मौर्य |
रवि | कवि |
आना | जाना |
खाना | पीना |
गिटार | सितार |
मन | धन |
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FAQ | पर्यायवाची शब्द, Shabd Kya Hai
Q1. शब्द किसे कहते हैं उदाहरण सहित लिखिए
Ans – वर्णों के व्यवस्थित या सार्थक मेल को शब्द कहा जाता है प्रत्येक शब्द का एक विशेष अर्थ होता है जिसका अर्थ होता है वही शब्द होते हैं।
उदहारण के रूप में देखें- यह पुस्तक मेरी है।
Q2. धरती का पर्यायवाची शब्द क्या है
Ans -धरती का पर्यायवाची शब्द पृथ्वी, भूमि, पृथिवी, पृथु, वसुधा, रत्नवती।
Q3. चंद्रमा का पर्यायवाची शब्द क्या है
Ans – चंद्रमा का पर्यायवाची शब्द मयंक, सुधाकर, चन्द्र, शशि, हिमकर, राकेश, इन्दु, सोम, सुधांशु, हिमांशु।
Q4. कमल का पर्यायवाची शब्द क्या है
Ans – कमल का पर्यायवाची शब्द क्या है राजीव, अरविन्द, पंकज, नीरज, सरोज, जलज, पुण्डरीक, इन्दीवर।
Q5. हवा का पर्यायवाची शब्द क्या है
Ans – हवा का पर्यायवाची शब्द पवन, वायु, समीर, अनिल, वात, मरुत्, पवमान, बयार।
Q6. आंख का पर्यायवाची शब्द क्या है
Ans – आंख का पर्यायवाची शब्द लोचन, चक्षु, नयन, नेत्र, दृग, अक्षि।
Q7. आग का पर्यायवाची शब्द क्या है
Ans – आग का पर्यायवाची शब्द अग्नि, पावक, दहन, कृशानु, वह्नि।
Q8. बादल का पर्यायवाची शब्द क्या है
Ans – बादल का पर्यायवाची शब्द मेघ, घन, जलद, पयोधर, नीरद।
Q9. सूर्य का पर्यायवाची शब्द क्या है
Ans – सूर्य का पर्यायवाची शब्द आदित्य, दिनेश, दिनकर, मार्तण्ड।
Q10. गंगा का पर्यायवाची शब्द क्या है
Ans – गंगा का पर्यायवाची शब्द मंदाकिनी, देवनदी, भगीरथी, देवपगा, सुरसरिता, जाह्नवी, त्रिपथगा।
Q11. नदी का पर्यायवाची शब्द
Ans – नदी का पर्यायवाची शब्द सरिता, तरंगिणी, तटनी आदि उपयोग किया जाता है।
Q12. सूर्य का पर्यायवाची शब्द
Ans – सूर्य का पर्यायवाची शब्द सूरज, रवि, दिनकर, दिवाकर, प्रभाकर, भास्कर।
Q13. कमल का पर्यायवाची शब्द
Ans – कमल का पर्यायवाची शब्द जलज, पंकज, अम्बुज, सरोज, शतदल, नीरज, इन्दीवर, सरसिज, अरविन्द, नलिन, उत्पल।
Q14. घर का पर्यायवाची शब्द
Ans – घर का पर्यायवाची शब्द गृह, गेह, आवास, धाम, निवास, बसेरा, डेरा, वास, भवन, बासा, वासस्थान, सदन।
Q15. बादल का पर्यायवाची शब्द
Ans – बादल का पर्यायवाची शब्द जलधर, जलद, मेघ, अभ्र, धर, वारिधर आदि हैं।
Q16. पेड़ का पर्यायवाची शब्द
Ans – पेड़ का पर्यायवाची शब्द वृक्ष, तरु, रूक्ष, पादप, विटप, द्रुम आदि हैं।
Q17. फूल का पर्यायवाची शब्द
Ans – फूल का पर्यायवाची शब्द पुष्प, कुसुम और प्रसून आदि होते हैं।
Q18. रात का पर्यायवाची शब्द
Ans – रात का पर्यायवाची शब्द रजनी, निशा, शर्वरी, निशि आदि होते हैं।
Q19. आकाश का पर्यायवाची शब्द
Ans – आकाश का पर्यायवाची शब्द नभ, अनन्तं, अभ्रं, पुष्कर, शून्य, तारापथ, अंतरिक्ष, आसमान, फलक आदि होते हैं।
Q20. पानी का पर्यायवाची शब्द
Ans – पानी का पर्यायवाची शब्द जल, सलिल, उदक, तोय, जीवन, वारि, पय, अमृत आदि होते हैं।
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