ग्रीन हाउस प्रभाव क्या है | Green House Effects in Hindi

अनुक्रमणिका

ग्रीन हाउस प्रभाव क्या है | Green House Effects in Hindi

ग्रीनहाउस प्रभाव एक प्राकृतिक घटना है, जो पृथ्वी की सतह को गर्म बनाये रखने में मदद करती है और इसी कारण पृथ्वी पर जीवन संभव है. ग्रीनहाउस में सूर्य की ओर से आने वाली ऊर्जा प्रकाश किरणों के रूप में एक सतह को पार करके ग्रीनहाउस तक आती है. इस सूर्य की ओर से आने वाली ऊर्जा का कुछ भाग मिट्टी, पेड़ पौधों और ग्रीनहाउस के अन्य साधनों द्वारा अवशोषित कर लिया जाता है. इस अवशोषित ऊर्जा का अधिक्तर भाग ऊष्मा (Heat) में परिवर्तित हो जाता है, जो ग्रीनहाउस को गर्म बनाये रखता है. ग्रीनहाउस में  मौजूद सतह इस ऊष्मा को बांधे रखती है, और ग्रीनहाउस का तापमान निश्चित बनाये रखने में मदत करती है।

ग्रीनहाउस में उपस्थित गैसें ऊष्मा को अवशोषित करती है, जिससे पृथ्वी का तापमान बढ़ जाता है, और अन्य ग्रहों की तुलना में पृथ्वी पर जीवन संभव हो पाता है. सबसे जरूरी ग्रीनहाउस गैस पानी से उत्पन्न वाष्प है और ग्रीनहाउस प्रभाव में यह बहुत अधिक उपयोगी है. अन्य गैसें जिसमें कार्बन डाई ऑक्साइड, मेंथेन और नाइट्रस ऑक्साइड आदि शामिल है, वो भी ग्रीनहाउस प्रभाव में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, हालाँकि इसके शामिल होने का प्रतिशत बहुत ही कम होता है।

अगर पृथ्वी पर ग्रीनहाउस प्रभाव नहीं होता तो, पृथ्वी अभी से कहीं ज्यादा ठंडी होती और पृथ्वी का तापमान 18 C होता. पृथ्वी पर जलवायु में गर्माहट बहुत ही महत्वपूर्ण है, क्यूकी हमारी पृथ्वी के तीन चौथाई भाग पर पानी है और यह पानी बर्फ, तरल और वाष्प तीन रूपों में पृथ्वी पर मौजूद है. पृथ्वी पर मौजूद जल चक्र के कारण पानी एक रूप से दूसरे रूप में परिवर्तित होता रहता है, और हमें अपने जीवन को नियमित बनाये रखने के लिए पीने योग्य पानी मिलता है.  यह पृथ्वी के तापमान को नियंत्रित रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

ग्रीन हाउस के उद्देश्य | Green House Effects Aim

जैसा कि आप लोग जानते हैं कि पृथ्वी पर कई प्रकार के गैस विद्वान है ऐसे में उनके बीच संतुलन बनाए रखना काफी आवश्यक होता है यही वजह है कि ग्रीन हाउस का प्रमुख उद्देश्य पृथ्वी पर जीवन के लिए उपयुक्त तापमान उपलब्ध करवाना है ताकि मानव जाति के अलावा सभी प्राणी आसानी से पृथ्वी पर जीवित रह सके I ग्रीनहाउस (Green House Effects) प्रभाव के के द्वारा पृथ्वी द्वारा उत्सर्जित ऊष्मा बस पृथ्वी की सतह से अंतरिक्ष में बाहर की ओर जाएगी और पृथ्वी का औसत तापमान लगभग -20°C होगा।

ग्रीनहाउस गैसों के संदर्भ में जानकारी

ग्रीनहाउस गैस का नामOrganic NamePercentage of Green House Gas
in the Environment
भाप (Water vapor)H2O36-70%
नाइट्रस ऑक्साइड (Nitrous oxide)N2O3-7%
ChlorofluorocarbonsCFCs
ओज़ोनO3
कार्बनडाई ऑक्साइडCO29-26%
मेथेनCH44-9%
ग्रीनहाउस गैसों

ग्रीन हाउस प्रभाव के लाभ | Green House Effects Benefits

  • ग्रीन हाउस प्रभाव पृथ्वी पर तापमान की मात्रा को नियंत्रित करने में मदद करता है जिसके कारण आप पृथ्वी पर जीवन जी पाते हैं I
  • ग्रीन हाउस गैसें हानिकारक सौर विकिरण को पृथ्वी की सतह पर पहुंचने से रोकते हैंI
  • ग्रीन हाउस गैसों में ओजोन एक महत्वपूर्ण ग्रीन हाउस गैस है इसके के माध्यम से ही पृथ्वी पर हानिकारक पराबैंगनी किरण नहीं पहुंच पाती हैं I
  • ग्रीन हाउस प्रभाव पृथ्वी पर पानी के स्तर को बनाए रखने में मदद करता है. क्योंकि इसके माध्यम से पृथ्वी पर तापमान को नियंत्रित किया जाता है जिसके पास रूप पृथ्वी पर उपस्थित बर्फ पिघलता नहीं है I ध्रुवीय बर्फ की टोपियां ध्रुवीय क्षेत्रों तक ही सीमित रहती हैंI

ग्रीनहाउस प्रभाव के नुकसान | Greenhouse Effects Disadvantage

  • ग्रीन हाउस गैस की वृद्धि के कारण ग्लोबल वार्मिंग जैसी समस्या उत्पन्न हो सकती है इसके पास शुरु पृथ्वी पर तूफान भूकंप बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदाएं आएंगे I
  • ग्रीनहाउस गैस के कारण के लिए ग्लेशियर पिघल रहे हैं I अगर ऐसा ही चलता रहा तो एक दिन पूरी पृथ्वी पानी में डूब जाएगा ऐसी स्थिति में पृथ्वी पर संपूर्ण प्राणी का अस्तित्व समाप्त हो जाएगा I
  • ग्रीनहाउस गैसें जैसे क्लोरोफ्लोरोकार्बन, मीथेन, कार्बन-डाइऑक्साइड इत्यादि के संचय से समताप मंडल में ओजोन परत का ह्रास हो रहा है. ऐसे स्थिति में पृथ्वी पर पैरा बैंगनी किरणे पहुंच सकती हैं जो स्किन कैंसर का कारण बन सकती हैं I

ग्रीन हाउस क्या है | Green House In Hindi

हरित गृह एक पारदर्शी कांच के बने चेंबर होते हैं। जिनके अंदर पौधे उगाए जाते हैं। जब सूर्य के प्रकाश की किरणें इन चैंबर में प्रवेश करती हैं तो वह पृथ्वी से परावर्तित होकर वापस जाती है तो कांच के चेंबर किरणों को अपने अंदर ही इकट्ठा कर लेते हैं। जिसके कारण उन चेंबर का तापमान अधिक हो जाता है। जो कि पौधों की वृद्धि में सहायक है। यह प्रक्रिया ज्यादातर ठंडे स्थानों में उपयोग में की जाती है। 

पृथ्वी पर जीवन का कारण तापमान भी है धरती पर कुछ ऐसी ग्रीन हाउस (Greenhouse) जैसे है जो सूर्य से आने वाली किरणों को वायुमंडल में रोकने में सक्षम होती है आसान भाषा में कहा जाए तो ग्रीनहाउस प्रभाव एक ऐसी प्रोसेस है जिसमे सूर्य प्रकाश में उपस्थित विकिरण पृथ्वी के वातावरण में आकर रुक जाते हैं और ये ग्रीनहाउस गैसों के तापमान में वृद्धि कर देते है।

वाहनों में जीवाश्म ईंधनों के जलने से उत्पन्न धुआँ,वनों का विनाश,औद्योगिकीकरण,नगरीकरण,उपभोक्तावादी संस्कृति मुख्यतः ग्रीन हाउस गेसो में वृद्धि के कारण है।

ग्रीन हाउस परिभाषा | Green House Kya Hai

उन गेसो का मिश्रण जो वायुमंडल में गर्मी को रोकने का काम करती है ग्रीन हाउस गैस कहलाती है। ग्रीन हाउस प्रभाव का मुख्य कारण ही ग्रीन हाउस गैसे है पर प्रतिदिन ग्रीन हाउस गेसो में वृद्धि हो रही है जिस कारण धरती का तापमान बढ़ता जा रहा है गक्लेशियर पिघल रहे है समुद्र में अनावश्यक पानी की वृद्धि हो रही है। वातावरण में बढ़ती इन ग्रीन हाउस गेसो को संतुलित करने की बाहर जरूरत है।

धरती पर संतुलित तापमान बनाए रखना और पेड़ पोधो के लिए लिए ग्रीन हाउस जरूरी है। सूर्य से आणि वाली हानिकारक किरणों से भी ये गैसे रक्षा करती है। ऊर्जा के रूप में इन गेसो का उपयोग किया जाता है। ग्रीनहाउस प्रभाव के नुक्सान यह है की इसमें वृद्धि होने पर मौसम पर गहरा प्रभाव पड़ता है। इस प्रभाव का असर अर्थव्यवस्था में भी दिखाई देता है ज़बरदस्त होगा. तापमान के बढ़ने से दुनिया के वैश्विक उत्पादन में 2-3 प्रतिशत की कमी आ सकती है।

ग्रीन हाउस गैसें, ग्रीन हाउस गैस कौन सी है | Green House Gas Name

  • जलवाष्प (Vapour H2O)
  • कार्बन डाइऑक्साइड (CO2)
  • मीथेन (CH4)
  • Ozone (O3)
  • नाइट्रस ऑक्साइड (N2O)
  • नाइट्रोजन ट्राईफ्लोराइड  (NF3)

ग्रीन हाउस प्रभाव, ग्रीन हाउस प्रभाव किसे कहते हैं | Green House Prabhav Kya Hai

जिस तरह से इन चैम्बर मैं प्रकाश की किरणों को कट्ठा किया जाता है। इसी तरह से पृथ्वी पर भी प्रकाश की किरणें वायुमंडल से बाहर नहीं जा पाती है। और का तापमान बढ़ने लगता है। 

ग्रीन हाउस प्रभाव की खोज सन 1824 में जोसेफ फुरियर ने की थी। इस पर अच्छी तरह से प्रयोग सन 1858 में जॉन टिंडल ने की थी। और सबसे पहले इसके बारे में अधिक जानकारी सन 1896 में स्वंते आर्थेनियस ने दी थी। 

पृथ्वी के वातावरण में मौजूद कार्बन डाइऑक्साइड, मेथेन प्रथम नाइट्रस ऑक्साइड आदि कैसे हैं अधिक तरंग धैर्य वाले ताप विकिरणों को पृथ्वी के वायुमंडल से बाहर नहीं जाने देती हैं। इस कारण पृथ्वी के तापमान में वृद्धि होने लगती है।

हमारे सौरमंडल में अनेक ग्रह है। जिनमें कुछ का तापमान तो बहुत अधिक है और कुछ का तापमान बहुत ही कम है जिसके कारण वहां पर जीवन संभव नहीं है। लेकिन हमारी पृथ्वी पर तापमान स्थिर है। इस तापमान पर जीवन संभव है। 

हमारी पृथ्वी पर तापमान नियंत्रण होने का मुख्य कारण हमारी पृथ्वी का वायुमंडल है। हमारी पृथ्वी के वायुमंडल के कारण पृथ्वी का तापमान नियंत्रित है जिसके कारण पृथ्वी पर जीवन संभव होता है। 

सबसे अधिक प्रभाव कारी ग्रीन हाउस गैस जल से उत्पन्न वाष्प है। हरित गृह प्रभाव में इसके अलावा अन्य कैसे भी हैं। जैसे कार्बन डाइऑक्साइड मेथेन व नाइट्रस ऑक्साइड इत्यादि हैं। परंतु सबसे अधिक प्रभाव कारी ग्रीन हाउस गैसें पानी से उत्पन्न जलवाष्प है। 

हरित गृह प्रभाव पृथ्वी पर तापमान नियंत्रण रखने में बहुत अधिक भूमिका निभाता है। अगर पृथ्वी पर हरित गृह प्रभाव नहीं होता तो पृथ्वी भी अन्य ग्रहों की तरह बहुत अधिक ठंडी होती। और इस पर भी जीवन संभव नहीं हो पाता। 

लेकिन आज मानव की गतिविधियों के कारण तथा गलतियों के कारण है यह हरित गृह प्रभाव बहुत अधिक है खतरनाक साबित होने लग रहा है। पृथ्वी का तापमान लगातार बढ़ रहा है। 

ग्रीनहाउस प्रभाव में वृद्धि | Greenhouse Effect Increase

पिछले कुछ वर्षो से विश्व के तापमान में लगातार वृद्धि देखी जा रही है इसका मुख्य कारण ग्रीनहाउस गैसों की वृद्धि है. इन ग्रीनहाउस गैसों में वृद्धि और पृथ्वी के तापमान में वृद्धि के मुख्य कारण मानव द्वारा निर्मित किए हुये है।

मनुष्य ने अपनी सुख सुविधाओ के लिए पेड़ो और वनों को नष्ट करते जा रहा है । जीवाष्म इंधनों का अंधाधुन रूप से प्रयोग हो रहा है, इसके परिणाम स्वरूप पृथ्वी का तापमान अब पहले से 11 डिग्री सेल्सियस बढ़ चुका है और कहा जा रहा है सन 2030 तक यह तापमान 5 डिग्री सेल्सियस और बढ़ जायेगा।

इसके कई दुष्परिणाम भी हमें देखने मिल रहे है, जैसे रेगिस्तान में बाढ़ का आना, अतिवर्षा वाले क्षेत्रों में वर्षा कि कमी होना तथा ग्लेशियर पर मौजूद बर्फ भी पिघलने लगी है। और यदि आगे भी यह सब ऐसा ही चलता रहा तो वह दिन भी दूर नहीं जब पृथ्वी अपने विनाश की ओर अग्रसर होगी ।

कहा जाता है कि अगर पृथ्वी का तापमान इसी तरह बढ़ता रहा तो कई जगह गर्म हवाओ के तूफान उठेंगे तो कही समुद्र का जलस्तर भी बढ़ जायेगा और निचले हिस्से में मौजूद देश जलमग्न हो जायेंगें । पीने और सिचाई के लिए भी पानी मौजूद नहीं होगा, वन और पेड़ पोधे भी नष्ट होने लगेंगे. इसलिए आज जरूरत है कि हम बढ़ते हुये प्रदूषण को नियंत्रित करे और अपनी पृथ्वी के अस्तित्व को खोने से बचाये।

ग्रीन हाउस प्रभाव को कम करने के उपाय | Greenhouse Provab Kom Karne Ka Upay

हरित गृह प्रभाव में वृद्धि प्राकृतिक व मानवीय दोनों कारणों से हो रही है। लेकिन हम प्रकृति से तो हरित ग्रह प्रभाव को नहीं बचा सकते लेकिन मानव द्वारा अगर हरित ग्रह प्रभाव को कम करने के लिए उचित कदम उठाए जाएं तो भविष्य में होने वाले बहुत बड़े विध्वंस को रोका जा सकता है। 

आज पूरे विश्व में को एक साथ मिलकर हरित गृह प्रभाव को कम करने में अपना अपना योगदान देना होगा। और मानव को एक सादगी पूर्ण जीवन जीने का लक्ष्य बनाना होगा जिसके कारण हम हरित ग्रह प्रभाव को कम कर सकते हैं। 

हम हरित ग्रह प्रभाव को पूर्णता खत्म तो नहीं कर सकते लेकिन इसमें कमी अवश्य कर सकते हैं। अतः कुछ सैद्धांतिक उपाय हैं जिनके कारण हम हरित गृह प्रभाव को कम कर सकते हैं। 

  • अपने आसपास घरों में, वनों में या फिर अन्य संस्थानों में अधिक से अधिक पेड़ पौधे उगा कर हरित गृह प्रभाव को कंट्रोल कर सकते हैं। 
  • विश्व में बढ़ती जनसंख्या की वृद्धि को कम करने की कोशिश करने पर हरित गृह प्रभाव की वृद्धि में कमी आ सकती है। 
  • जीवाश्म ईंधन जैसे लकड़ी, पेट्रोल, डीजल इत्यादि के स्थान पर सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा एवं ज्वारीय ऊर्जा के उपयोग से हरित ग्रह प्रभाव से बढ़ते तापमान को रोका जा सकता है। 
  • गोबर गैस तथा सोलर प्लांट को अधिक से अधिक बढ़ावा दिया जाना चाहिए। जिसके कारण हरित गृह प्रभाव की वृद्धि तथा प्रदूषण की वृद्धि दोनों को रोका जा सकता है। 
  • मोटर वाहनों में पेट्रोल व डीजल का कम से कम उपयोग करके उनके स्थान पर सीएनजी एवं एलपीजी गैसों का अधिक से अधिक उपयोग किया जाना चाहिए। 
  • अधिक से अधिक पशुपालन करने पर। 
  • क्लोरो फ्लोरो कार्बन पर प्रतिबंध तथा साथ ही इनको खरीदने वाले देशों पर कड़े कानून लगानी चाहिए। 
  • हमें अपने आसपास के सभी जगहों पर लोगों को हरित गृह प्रभाव के बारे में जागरूक करना चाहिए। तथा उससे होने वाली हानियां एवं दुष्परिणामों को बताना चाहिए। जिससे समाज का प्रत्येक व्यक्ति हरित गृह प्रभाव की रोकथाम में अपना सहयोग कर सकें। 

ग्रीन हाउस का चित्र | Green House Pictures

और जानकारी की लिए, विश्व पर्यावरण दिवस

ग्रीन हाउस प्रभाव पर टिप्पणी लिखिए | Green House Effect Short Note

प्रस्तावना

ग्लोबल वार्मिंग के कारण पृथ्वी और महासागरों के तापमान में काफी वृद्धि हुई है। ग्रीन हाउस गैसो द्वारा अवरक्त विकिरण अवशोषित और उत्सर्जित किए जाता है तथा विकरण को वायुमंडल में रोक कर रखा जाता है, जिससे उत्पन्न गर्मी द्वारा पृथ्वी का तापमान बढ़ जाता है।

ग्रीन हाउस प्रभाव और ग्लोबल वार्मिंग

वायुमंडल में मौजूद मुख्य ग्रीन हाउस गैसो जैसे कि कार्बन डाइऑक्साइड (CO₂), जल वाष्प (H₂O), मीथेन (CH₄)), ओजोन (O₃), नाइट्रस ऑक्साइड (N₂O) आदि द्वारा सबसे ज्यादे गर्मी उत्पन्न की जाती है। पृथ्वी के वायुमंडल का औसत तापमान लगभग 15⁰  सेल्सियस है (59 ⁰ फारेनहाइट) है, वही ग्रीनहाउस प्रभाव के बिना यह 18 डिग्री फारेनहाइट कम होता।

जीवाश्म ईंधन के दहन, कृषि, वनोन्मूल और अन्य मानवीय गतिविधियों जैसे कार्यो द्वारा उत्सर्जित ग्रीन हाउस गैसें ही पिछले कुछ दशक में ग्लोबल वार्मिंग के बढ़ती समस्या का मुख्य कारण है। इसी कारण से ही बर्फ की चादरे और ग्लेशियर पिघलते जा रहे है, जिसके कारणवश महासागर के स्तर में वृद्धि हुई है। गर्म जलवायु के वजह से वर्षा और वाष्पीकरण की घटनाओं में बढ़ोत्तरी होती है। ग्लोबल वार्मिंग के कारण मौसम की स्थिति भी बदल गयी है, जिससे कुछ स्थान गर्म और कुछ स्थान नम होते जा रहे है।

इन कारणो से सूखा, बांढ़ और तूफान जैसी कई प्राकृतिक आपदाएं उत्पन्न होती है। जलवायु परिवर्तन प्रकृति और मानव जीवन को काफी बुरे तरीके से प्रभावित करता है और यदि ग्रीन हाउस गैसो का उत्सर्जन इसी प्रकार से बढ़ता रहा तो भविष्य में इसके परिणाम और ज्यादे भयावह होंगे। तटीय क्षेत्रो में ग्लोबल वार्मिंग के परिणाम और भी ज्यादे विनाशकारी होंगे। जब बढ़ते तापमान के कारण ध्रुवी क्षेत्र पिघलने लगेंगे तब इससे समुद्र स्तर में भीषण वृद्धि हो जायेगी जिसके कारण तटीय क्षेत्र डूब जायेंगे।

ग्रीन हाउस गैसो के प्रमुख कारण

ग्रीनहाउस प्रभाव के कुछ मुख्य कारण इस प्रकार से हैः

प्राकृतिक कारणः

  • पृथ्वी पर प्राकृतिक रुप से मौजूद कुछ तत्वो के कारण कार्बन डाइआक्साइड जैसी समुद्र में पायी जाने वाली तथा मीथेन जोकि पेड़-पौधो के क्षय और प्राकृतिक रुप से आग लगने से उत्पन्न होती है और नाइट्रोजन आक्साइड जोकि कुछ मात्रा में भूमि और पानी में पाये जाने वाले ग्रीन हाउस गैसो का निर्माण होता है। केवल फ्लुओरीनटेड गैसो का निर्माण मानव द्वारा किया जाता है जोकि प्राकृतिक रुप से प्रकृति में मौजूद नही होती है।
  • जल वाष्प का भी ग्रीनहाउस प्रभाव में बहुत महत्वपूर्ण योगदान है। जल वाष्प द्वारा थर्मल ऊर्जा को अवशोषित कर लिया जाता है, ज्यादेतर जब हवा में अद्राता बढ़ जाती है। तो इसके कारण वायुमंडल में तापमान में भी बढ़ोत्तरी हो जाती है।
  • जानवरो द्वारा वायुमंडल से आक्सीजन ग्रहण किया जाता है तथा कार्बन डाइआक्साइड और मीथेन गैस का उत्सर्जन किया जाता है। यह ग्रीनहाउस प्रभाव के प्राकृतिक कारको में से एक है।

मानव जनित कारण

  • तेल और कोयले जैसे जीवाश्म ईंधनो के दहन का भी ग्रीनहाउस प्रभावो में महत्वपूर्ण योगदान है। जलते हुए जीवाश्म ईंधन भी वायुमंडल में कार्बन डाइआक्साइड का उत्सर्जन करते है जिससे वायुमंडल प्रदूषित हो जाता है। इसके अलावा गैस और कोयले के खदानो तथा तेल के कुएं खोदने से भी मीथेन गैस का उत्सर्जन होता है।
  • वनोंमूलन एक दूसरा बड़ा कारण है जो ग्रीनहाउस प्रभाव को जन्म देता है। पेड़-पौधे भी पर्यावरण में कार्बन डाइआक्साइड की मात्रा को कम करने और आक्सीजन प्रदान करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है।
  • आप्राकृतिक रुप से बनी हुई नाइट्रोजन जोकि फसलो में उर्वरक के रुप में इस्तेमाल की जाती है। जिससे की वायुमंडल में नाइट्रोजन आक्साइड उत्सर्जित होती है, जिससे की ग्रीनहाउस प्रभाव में वृद्धि होती है।
  • पूरे विश्वभर में वायुमंडल में बहुत ही भारी मात्रा में औद्योगिक गैसो का उत्सर्जन होता है। मीथेन, कार्बन डाइऑक्साइड और फ्लोराइन गैस जैसी गैसे औद्योगिक गैसो की श्रेणी में आती है।
  • कृषि रुप से पालतु जीव जैसे की बकरी, सूअर, गाय आदि द्वारा भी ग्रीन हाउस गैसो के उत्सर्जन में काफी योगदान दिया जाता है। जब इन पशुओ द्वारा अपना खाना पचाया जाता है तब इनके पेंट में मीथेन गैस बनती है जोकि इनके गोबर करने पर वायुमंडल में मिल जाती है। पालतू पशुओ के लिए अधिक संख्या में फार्म बनाने के लिए वनो के कटाई से भी ग्रीन हाउस गैसो के उत्सर्जन में वृद्धि हुई है।

निष्कर्ष

इस संसार में ऐसा कोई देश नही है जो ग्लोबल वार्मिंग के इस भीषण समस्या से प्रभावित ना हुआ हो। ग्रीन हाउस गैसो के उत्सर्जन के मात्रा में कमी लाकर ही ग्लोबल वार्मिंग जैसे इस भीषण समस्या को रोका जा सकता है। इसके लिए सरकारी और गैर सरकारी संस्थाओ द्वारा वायुमंडल में ग्रीन हाउस गैसो के उत्सर्जन को रोकने के लिए सामूहिक रुप से कड़े फैसले लेने की आवश्यकता है। इसके लिए हमें नवकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा देने और वनोन्मूलन की जगह और ज्यादे मात्रा में वृक्षारोपण करने की आवश्यकता है।

ग्रीन हाउस प्रभाव क्या है pdf

ग्रीनहाउस प्रभाव सीखना चार्ट



ग्रीनहाउस प्रभाव सीखना चार्ट ।

बिजनेस, जॉब या कमाई से जुड़े अन्य आइडियाज हिंदी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

FAQ | ग्रीन हाउस

Q1. ग्रीन हाउस गैस क्या है

Ans – यह गैसें तापमान में हो रही वृद्धि के लिए मुख्य रूप से जिम्मेवार होती हैं। और यह गैसें तापीय अवरक्त सीमा के भीतर के विकिरण को अवशोषित करती हैं जो ग्रीन हाउस प्रभाव के लिए जिम्मेवार होता है।

Q2. ग्रीन हाउस गैसों के नाम

Ans – ग्रीन हाउस गैसों के नामों (Green House Gases Name in Hindi) जो इस प्रकार है : –

– कार्बन डाइऑक्साइड (CO2)
– मीथेन (CH4)
– नाइट्रस ऑक्साइड (N2O)
– फ्लोरिनेटेड गैस
– जल वाष्प (water vapour)

आपकी बेहतर जानकारी के लिए बता दे की इनमें सबसे ज्यादा उत्सर्जन कार्बन डाई आक्साइड, नाइट्रस आक्साइड, मीथेन, वाष्प, ओजोन आदि करती हैं। इन गैसों का उत्सर्जन आम प्रयोग के उपकरणों वातानुकूलक, फ्रिज, कंप्यूटर, स्कूटर, कार आदि से होता है। ध्यान रहे की कार्बन डाई ऑक्साइड के उत्सर्जन का सबसे बड़ा स्रोत पेट्रोलियम ईंधन और परंपरागत चूल्हे हैं।

Q3. ग्रीन हाउस प्रभाव के कारण

Ans – ग्रीनहाउस गैसों में वृद्धि के प्रमुख कारणों (Causes of Greenhouse Effect) जो इस प्रकार है : –

– औद्योगिकीकरण
– नगरीकरण
– उपभोक्तावादी संस्कृति
– वाहनों में जीवाश्म ईंधनों के जलने से उत्पन्न धुआँ
– वनों का विनाश

उपरोक्त सभी कारणों में से औद्योगिक क्रांति की शुरुआत के बाद से ही ग्रीनहाउस गैस का स्तर बढ़ रहा है, लेकिन पिछले कुछ दशकों में इसका बढ़ना विशेष रूप से तेज़ रहा है।

भारत में नौकरी और व्यवसाय से संबंधित अधिक लेख पढ़ने के लिए, यहां क्लिक करें

क्या आप सरकारी नौकरियों की तलाश कर रहे हैं, नवीनतम नौकरियों की जांच करें लिंक पर क्लिक करें। एचआर से संबंधित अद्यतनों पर नवीनतम लेख के बारे में जानने के लिए, यहां क्लिक करें। यदि आप बंगाल में विभिन्न विषयों पर प्रश्न उत्तर पढ़ने के इच्छुक हैं, तो यहां क्लिक करें। इसके अलावा, अगर आप स्वास्थ्य, सौंदर्य, वित्त, वित्तीय, व्यापार या ट्रेंडिंग टेक्नोलॉजी पर नवीनतम समाचार पढ़ने में रुचि रखते हैं, तो यहां क्लिक करें

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *