- क्रिया विशेषण किसे कहते हैं | Kriya Visheshan Kise Kahate Hain
- क्रिया विशेषण की परिभाषा | Kriya Visheshan Kise Kahate Hain
- क्रिया विशेषण के भेद |Kriya Visheshan Ke Bhed, Kriya Visheshan Ke Kitne Bhed Hote Hain
- क्रियाविशेषण अव्यय | Kriya Visheshan Avyay
- निपात अव्यय किसे कहते हैं?
- संस्कृत के अव्यय
- FAQ | क्रिया विशेषण, क्रियाविशेषण | Kriya Visheshan
क्रिया विशेषण किसे कहते हैं | Kriya Visheshan Kise Kahate Hain
क्रिया विशेषण वह शब्द जो हमें क्रिया की विशेषता के बारे में बताते हैं, वे शब्द क्रिया विशेषण कहलाते हैं।
जैसे: – हिरण तेज़ भागता है। इस वाक्य में भागना क्रिया है। तेज़ शब्द हमें क्रिया कि विशेषता बता रहा है कि वह कितनी तेज़ भाग रहा है। तेज़ शब्द क्रिया विशेषण है।
वह शब्द क्रिया की विशेषता को बताते हैं उन्हें क्रिया-विशेषण कहते हैं।
क्रिया-विशेषण के कुछ उदाहरण
1. वह बहुत तेज़ दौड़ती है।
यहां पर क्रिया शब्द ‘दौड़ती’ है और उस क्रिया की विशेषता ‘बहुत तेज़’ शब्द बता रहा है। इसी कारण यह क्रिया-विशेषण है।
2. आज हमें बहुत चलना है।
यहां पर क्रिया शब्द ‘चलना’ है इस की विशेषता ‘बहुत’ शब्द बता रहा है, इसी कारण यह क्रिया-विशेषण है।
3. आप कहाँ से आ रहे है ?
यहाँ पर क्रिया शब्द ‘आ रहे हैं’ इस की विशेषता ‘कहाँ’ शब्द बता रहा है इसलिए यह क्रिया-विशेषण है।
क्रिया विशेषण की परिभाषा | Kriya Visheshan Kise Kahate Hain
वह शब्द जो हमें क्रियाओं की विशेषता का बोध कराते हैं वे शब्द क्रिया विशेषण कहलाते हैं। दुसरे शब्दों में कहें तो जिन शब्दों से क्रिया की विशेषता का पता चलता है, उन शब्दों को हम क्रिया विशेषण कहते हैं।
जैसे: हिरण तेज़ भागता है। इस वाक्य में भागना क्रिया है। तेज़ शब्द हमें क्रिया कि विशेषता बता रहा है कि वह कितनी तेज़ भाग रहा है। अतः तेज़ शब्द क्रियाविशेषण है।
क्रिया विशेषण के 10 उदाहरण
क्रिया विशेषण के उदाहरण कुछ इस प्रकार हैं:
- वह धीरे-धीरे चलता है।
- चीता तेज़ दौड़ता है।
- शेर धीरे-धीरे आगे बढ़ता है।
- मयंक धीरे चलता है।
- मैं वहां नहीं आऊंगा।
- हमे यहां से आगे जाना है।
- कल मेरा पेपर है।
- वह प्रतिदिन पूजा करता है।
- वह धीरे-धीरे चलता है।
- खरगोश तेज़ दौड़ता है।
- शेर धीरे-धीरे आगे बढ़ता है।
ऊपर दिए गए उदाहरणों में जैसा कि आप देख सकते हैं धीरे-धीरे, तेज़ आदि शब्द चलना, दौड़ना, बढना आदि क्रियाओं की विशेषता बताने का काम कर रहे है। अतः यह शब्द क्रियाविशेषण कहलाते हैं।
क्रिया विशेषण के भेद |Kriya Visheshan Ke Bhed, Kriya Visheshan Ke Kitne Bhed Hote Hain
अर्थ के आधार पर क्रिया विशेषण के भेद
अर्थ के आधार पर क्रियाविशेषण के चार भेद होते हैं:
- कालवाचक क्रियाविशेषण
- रीतिवाचक क्रियाविशेषण
- स्थानवाचक क्रियाविशेषण
- परिमाणवाचक क्रियाविशेषण
1. कालवाचक क्रियाविशेषण:
वो क्रियाविशेषण शब्द जो क्रिया के होने के समय के बारे में बताते हैं, कालवाचक क्रियाविशेषण कहलाते हैं।
कालवाचक क्रिया विशेषण के उदाहरण
- श्यामू कल मेरे घर आया था।
- परसों बरसात होगी।
- मैंने सुबह खाना खाया था।
- मैं शाम को खेलता हूँ।
ऊपर दिए गए उदाहरणों से हमें निश्चित ही क्रिया के होने के समय के बारे में पता चल रहा है ऐसे शब्द कालवाचक क्रियाविशेषण के अंतर्गत आते हैं।
- मैं सुबह जल्दी उठता हूँ।
- मैं दोपहर में स्कूल से लौटता हूँ।
- हम अक्सर शाम को खेलने जाते हैं
ऊपर दिए गए उदाहरणों में आप देख सकते हैं कि क्रिया शब्द जैसे आना, खाना, होना, उठना, लौटना आदि के होने क समय के बारे में कल, सुबह, शाम, दोपहर आदि शब्द बता रहे हैं। अतः यह शब्द कालवाचक क्रियाविशेषण के अंतर्गत आयेंगे।
2. रीतिवाचक क्रियाविशेषण
ऐसे क्रियाविशेषण शब्द जो किसी क्रिया के होने की विधि या तरीके का बोध कराते हैं, वह शब्द रीतिवाचक क्रिया विशेषण कहलाते हैं।
रीतिवाचक क्रिया विशेषण के उदाहरण
- सुरेश ध्यान से चलता है।
- वह फटाफट खाता है।
- अमित गलत चाल चलता है।
- उमेश हमेशा सच बोलता है।
- पियूष अच्छी तरह काम करता है।
- नरेन्द्र ध्यान पूर्वक पढ़ाई करता है।
- शेर धीरे-धीरे आगे बढ़ता है।
ऊपर दिए गए उदाहरणों में जैसा कि आप देख सकते हैं कि ध्यान से, फटाफट, गलत, हमेशा, सच, अच्छी तरह, ध्यान पूर्वक, धीरे-धीरे आदि शब्द खाना, चलना, बोलना आदि क्रियाओं कि विशेषता बता रहे हैं। अतः यह शब्द रीतिवाचक क्रियाविशेषण के अंतर्गत आयेंगे।
3. स्थानवाचक क्रियाविशेषण, स्थानवाचक क्रिया विशेषण किसे कहते हैं
ऐसे अविकारी शब्द जो हमें क्रियाओं के होने के स्थान का बोध कराते हैं, वे शब्द स्थानवाचक क्रियाविशेषण कहलाते हैं।
स्थानवाचक क्रिया विशेषण के उदाहरण
- तुम अन्दर जाकर बैठो।
- मैं बाहर खेलता हूँ।
- हम छत पर सोते हैं।
- मैं पेड़ पर बैठा हूँ।
- शशि मुझसे बहुत दूर बैठी है।
- मुरारी मैदान में खेल रहा है।
- तुम अपने दाहिने ओर गिर जाओ।
जैसा कि आप ऊपर दिए गए उदाहरणों में देख सकते हैं कि अन्दर, बाहर, छत पर, पेड़ पर, दूर, मैदान में, दाहिने आदि शब्द हमें बैठना, खेलना, सोना, गिरना आदि क्रियाओं के होने के स्थान का बोध करा रहे हैं। हम यह भी जानते है की जब कोई शब्द हमें किसी क्रिया के होने के स्थान का बोध कराते हैं, ऐसे शब्द स्थानवाचक क्रियाविशेषण के अंतर्गत आते हैं।
4. परिमाणवाचक क्रियाविशेषण
ऐसे क्रियाविशेषण शब्द जिनसे हमें क्रिया के परिमाण, संख्या या मात्र का पता चलता है, वे शब्द परिमाणवाचक क्रियाविशेषण कहलाते हैं।
परिमाणवाचक क्रिया विशेषण के उदाहरण
- तुम थोड़ा अधिक खाओ।
- अमृत बहुत ज्यादा दौड़ता है।
- मोहन अधिक खाना खाता है।
- आयुष उसके दोस्त से ज्यादा पढता है।
- अभी तक तुमने पर्याप्त नींद नहीं ली।
जैसा कि आप ऊपर दिए गए उदाहरणों में देख सकते हैं कि अधिक, ज्यादा, पर्याप्त आदि शब्द खाना, दौड़ना, सोना, पढ़ना आदि क्रियाओं का परिमाप या मात्र का बोध कराते हैं। परिभाषा से हमें यह जान पड़ता है की ऐसे शब्द जो हमें क्रिया के होने की मात्रा एवं संख्या के बोध कराते हैं ऐसे शब्द परिमाणवाचक क्रियाविशेषण के अंतर्गत आते हैं।
प्रयोग के आधार पर क्रियाविशेषण के भेद
प्रयोग के आधार पर क्रियाविशेषण के तीन भेद होते हैं :
- साधारण क्रियाविशेषण ,
- सयोंजक क्रियाविशेषण व
- अनुबद्ध क्रियाविशेषण
1. साधारण क्रियाविशेषण
ऐसे क्रियाविशेषण शब्द जिनका प्रयोग वाक्य में स्वतंत्र होता है, वे शब्द साधारण क्रियाविशेषण कहलाते हैं। जैसे:
- अरे! तुम कब आये ?
- हाय! यह क्या हो गया।
- अरे! वह लड़का कहाँ चला गया ?
- बेटा जल्दी आओ।
- ऊपर दिए गए उदाहरणों में जैसा कि आप देख सकते हैं कुछ शब्दों का प्रयोग वाक्य में स्वतंत्र होता है। यह शब्द साधारण क्रियाविशेषण कहलाते हैं।
2. सयोंजक क्रियाविशेषण
- जिन क्रियाविशेषणों का सम्बन्ध किसी उपवाक्य से होता है , वह शब्द सयोंजक क्रियाविशेषण कहलाते हैं। जैसे :
- जहाँ तुम अभी खड़े हो, वहां घर हुआ करता था।
- जहां तुम जाओगे, वहीँ मैं जाऊँगा।
- यहाँ हम चल रहे हैं, वहां वो दौड़ रहे हैं।
जैसा कि आप ऊपर दिए गए उदाहरणों में देख सकते हैं कि दिए गए क्रियाविशेषणों का सम्बन्ध किसी उपवाक्य से है अतः यह क्रियाविशेषण शब्द सयोंजक क्रियाविशेषण कहलाते हैं।
3. अनुबद्ध क्रियाविशेषण
ऐसे शब्द जो निश्चय के लिए कहीं भी प्रयोग कर लिए जाते हैं वे शब्द अनुबद्ध क्रियाविशेषण कहलाते हैं। जैसे:
- यह काम तो गलत ही हुआ है।
- आपके आने भर की देर है।
जैसा कि आपने ऊपर दिए गए उदाहरणों में देखा कि भर,ही जैसे शब्दों का निश्चय के लिए कहीं भी प्रयोग हो जाता है। अतः यह शब्द अनुबद्ध क्रियाविशेषण के अंतर्गत आते हैं।
रूप के आधार पर क्रियाविशेषण के भेद
रूप के आधार पर क्रियाविशेषण के तीन भेद होते हैं :
- मूल क्रियाविशेषण
- स्थानीय क्रियाविशेषण
- योगिक क्रियाविशेषण
1. मूल क्रियाविशेषण
ऐसे शब्द जो दुसरे शब्दों के मेल से नहीं बनते यानी जो दुसरे शब्दों में प्रत्यय लगे बिना बन जाते हैं, वे शब्द मूल क्रियाविशेषण कहलाते हैं। जैसे: – पास , दूर , ऊपर , आज , सदा , अचानक , फिर , नहीं , ठीक आदि।
2. स्थानीय क्रियाविशेषण
ऐसे अन्य शब्द-भेद जो बिना अपने रूप में बदलाव किये किसी विशेष स्थान पर आते हैं, वे स्थानीय क्रियाविशेषण कहलाते हैं। जैसे:
- वह अपना सिर पढेगा।
- तुम दौड़कर चलते हो।
जैसा कि आप ऊपर दिए गए उदाहरणों में देख सकते हैं कि सिर, चलते आदि शब्दों के रूप में बिना बदलाव हुए ही वे विशेष स्थान पर प्रयोग किये गए। अतः यह स्थानीय क्रियाविशेषण के अंतर्गत आयेंगे।
3. योगिक क्रियाविशेषण
ऐसे क्रियाविशेषण जो किसी दुसरे शब्दों में प्रत्यय या पद आदि लगाने से बनते हैं, ऐसे क्रियाविशेषण योगिक क्रियाविशेषणों की श्रेणी में आते हैं।
- संज्ञा से यौगिक क्रियाविशेषण :-
जैसे :- सबेरे , सायं , आजन्म , क्रमशः , प्रेमपूर्वक , रातभर , मन से आदि। - सर्वनाम से यौगिक क्रियाविशेषण :-
जैसे :- यहाँ , वहाँ , अब , कब , इतना , उतना , जहाँ , जिससे आदि। - विशेषण से क्रियाविशेषण :-
जैसे :- चुपके , पहले , दूसरे , बहुधा , धीरे आदि। - क्रिया से क्रियाविशेषण :-
जैसे :- खाते , पीते , सोते , उठते , बैठते , जागते आदि।
क्रियाविशेषण अव्यय | Kriya Visheshan Avyay
क्रिया विशेषण अव्यय एक ऐसा शब्द है जो क्रिया को योग्य बनाता है। इसका अर्थ है कि क्रिया विशेषण यह दर्शाता है कि कोई क्रिया, घटना या स्थिति कैसे, कब और कहाँ हुई। आइए इसे कुछ उदाहरणों की मदद से समझते हैं।
(i) मेरी छोटी बहन ने कार्यक्रम में शानदार नृत्य किया।
यहां नृत्य वाक्य में क्रिया है और शानदर वर्णन करता है कि वह क्रिया कैसे की गई। तो अगर आप सवाल पूछते हैं? उसने कैसे नृत्य किया? तो जवाब है शानदार।
(ii) चोर ने धीरे से पार्क में एक पर्स चुरा लिया।
इस वाक्य में चुरा लिया क्रिया है और धीरे से क्रियाविशेषण क्युकी यह क्रिया की विशेषता बता रहा है।
(iii) सुबह-सुबह, पूजा ने मधुर गीत गाया।
इस वाक्य में गीत गाया क्रिया है और मधुर क्रियाविशेषण।
इसके अलावा अजीब तरह से, वफादारी से, तेज, धीरे-धीरे, घबराहट से, खुशी से, वास्तव में, आलस्य से, विशेष रूप से, बेहद, बेरहमी से, स्टाइलिश रूप से, गंभीर रूप से, भूख से, सही मायने में, तब, कब, जैसे, इसलिए, क्योंकि, तो इत्यादि सभी शब्द वर्णन करते हैं कि कार्य कैसे किया जाता हैं।
क्रिया विशेषण अव्यय के भेद
क्रिया विशेषण अव्यय के भेद निम्नलिखित है :-
- कालवाचक क्रिया विशेषण अव्यय
- स्थानवाचक क्रिया विशेषण अव्यय
- परिमाणवाचक क्रिया विशेषण अव्यय
- रीतिवाचक क्रिया विशेषण अव्यय
कालवाचक क्रिया विशेषण अव्यय
जिन शब्दों से क्रिया होने के समय का पता चलता है उन्हें कालवाचक क्रिया विशेषण अव्यय कहते हैं।
जैसे- शाम, सुबह, दोपहर आदि।
- रमेश परसों चला जायेगा।
- अजय कल जयपुर जायेगा।
स्थानवाचक क्रिया विशेषण अव्यय
जिन अव्यय शब्दों से क्रिया के होने के स्थान का पता चलता है उन्हें स्थानवाचक क्रियाविशेषण अव्यय कहते हैं।
जैसे- यहां, वहां,जहां,तहां, कहां आदि।
- तुम्हारा घर कहाँ है।
- तुम छुट्टी में घूमने कहाँ जाओगे।
परिमाणवाचक क्रिया विशेषण अव्यय
जिन शब्दों से क्रिया के नापतोल माप अथवा परिमाण का पता चलता है उन्हें परिमाणवाचक क्रिया विशेषण अव्यय कहते हैं। जैसे- बहुत, थोड़ा, जरा सा ,कम आदि।
- तुम थोड़ा काम बोला करो।
- मुझे कम टॉफी मिली है।
रीतिवाचक क्रिया विशेषण अव्यय
जिन शब्दों से क्रिया के होने की रीति या विधि का पता चलता हो, उन्हें रीतिवाचक क्रिया विशेषण अव्यय कहते हैं।
- कर तेज चलती है।
- तुम तेज दौड़ती हो।
- साइकिल धीरे-धीरे चलती है।
संबंधबोधक अव्यय (Avyay) किसे कहते हैं
जो शब्द वाक्य में संज्ञा या सर्वनाम के बाद आकर उसका सम्बन्ध वाक्य के दूसरे शब्द से दिखाये उसे संबंधबोधक अव्यय कहते हैं। यदि वाक्य में संज्ञा न हो तो वही अव्यय क्रियाविशलेषण कहलायेगा। जैसे- के साथ, पास, आगे, समान, सामने,बाहर, कारण,तुल्य,सदृश आदि।
समुच्चयबोधक अव्यय किसे कहते हैं
जो अव्यय दो या दो से अधिक शब्दों वाक्यांशों अथवा वाक्यों को आपस में जोड़ते हैं या अलग करते हैं उन्हें समुच्चयबोधक अव्यय कहते हैं।
जैसे- माता और पिता सो रहे हैं।
आम या केला खाओ।
इन वाक्यों में ‘और’ व ‘या’ समुच्चयबोधक अव्यय हैं।
समुच्चयबोधक अव्यय के भेद
- संयोजक- और, तथा, एवं, जो, अथवा, या, यथा, पुनः, आदि संयोजक कहलाते हैं।
- विभाजक- किंतु, परंतु, लेकिन, बल्कि, ताकि, क्योंकि, वरना, आदि विभाजक कहलाते हैं।।
विस्मयादिबोधक अव्यय किसे कहते हैं
जिन शब्दों से ‘हर्ष’,’शोक’, ‘घृणा’, ‘आश्चर्य’, ‘भय’ आदि का भाव प्रकट होता है उन्हें विस्मयादिबोधक कहते हैं। जैसे-छि:! अरे ! वाह ! हाय ! अहा ! धिक् आदि।
विस्मयादिबोधक अव्यय के भेद
विस्मयादिबोधक अव्यय के भेद निम्नलिखित है :-
- हर्षबोधक
- शोकबोधक
- आश्चर्यबोधक
- तिरस्कारबोधक
- अनुमानोबोधक
- संबोधनबोधक
- स्वीकारबोधक
निपात अव्यय किसे कहते हैं?
जो अव्यय शब्द किसी शब्द के बाद लगकर उसके अर्थ या अभाव में विशेष बल देते हैं, उन्हें निपात अव्यय कहते हैं। शब्दों के बाद में पढ़ने से ही उन्हें निपात कहते हैं।
जैसे- ही,भी,तक।
निपात अव्यय के भेद
निपात अव्यय के भेद निम्नलिखित है :-
- सकारात्मक निपात
- नकारात्मक निपात
- निषेधात्मक निपात
- प्रश्नबोधक निपात
- विस्मयादिबोधक निपात
- बलदायक निपात
- तुलनात्मक निपात
- अवधारणबोधक निपात
- आदरबोधक निपात
संस्कृत के अव्यय
कुछ अव्यय संस्कृत में भी होते हैं जो इस प्रकार हैं:
संस्कृत के अव्यय | उनका अर्थ |
---|---|
अद्य | आज |
ह्यः | बीता हुआ कल |
स्वस्ति | कल्याण हो |
नमः | नमस्कार |
कुतः | कहाँ से |
सह | साथ |
विना | बिना |
धिक् | धिक्कार |
शनैः | धीरे |
शीघ्रम् | जल्दी |
अपि | भी |
अथवा | या |
वा | या |
न | नहीं |
च | और |
पुनः | फिर |
कदापि | कभी भी |
अधुना | अब |
तदा | तब |
यदा | जब |
कदा | कब |
सदा | हमेशा |
कथम् | कैसे |
तथा | तैसे |
यथा | जैसे |
सर्वत्र | सब जगह |
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FAQ | क्रिया विशेषण, क्रियाविशेषण | Kriya Visheshan
Q1. क्रिया विशेषण के कितने भेद होते हैं
Ans – क्रिया विशेषण के चार भेद होते हैं। वह शब्द जो क्रियाविशेषण क्रिया के होने या न होने के समय के बारे में कुछ बताते हैं, उसे कालवाचक क्रियाविशेषण कहते हैं।
Q2. क्रिया विशेषण क्या है
Ans – जो शब्द क्रिया की विशेषता बताता हो या फिर उस क्रिया के बारे में अतरिक्त जानकरी देता हो उसे क्रिया विशेषण कहते हैं। क्रिया-विशेषण से क्रिया के समय, स्थान, ढंग और मात्रा का बोध होता है।
Q3. क्रिया विशेषण अव्यय के उदाहरण
Ans – जो अव्यय शब्द क्रिया की विशेषता बताते हैं, उन्हें क्रियाविशेषण अव्यय कहते हैं। जैसे- जल्दी, अचानक, कल आदि। जैसे-अचानक आ गया। परसों घर जाओगे।
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