पानी का रंग क्या है | Pani Ka Rang Kaisa Hota Hai

पानी का रंग क्या है | Pani Ka Rang Kaisa Hota Hai

इस दुनिया में बहुत सी रंगबिरंगी चीज़ें हैं जो हमें आकर्षित करती हैं लेकिन पानी ऐसी जरुरी चीज़ है जिसका कोई रंग ही नहीं होता है । बेरंग होते हुए भी पानी हमारी लाइफ का एक बहुत अहम हिस्सा होता है जिसके बिना जीवन की कल्पना संभव नहीं है ।

वैसे तो पानी का कोई रंग नहीं होता है लेकिन पानी के लिए ये कहना सही होगा कि ‘जैसा देश वैसा भेष’ क्योंकि पानी जिस चीज़ के साथ मिलता है उसके जैसा ही रंग अपना लेता है । ऐसे में आज जानते हैं पानी के रंग से जुड़ी ख़ास बातें ।

पानी जब कम मात्रा में होता है तो बेरंग दिखाई देता है और शुद्ध पानी हल्का नीला होता है लेकिन जब पानी का स्तर बहुत बढ़ जाता है तो ये गहरा नीला दिखने लगता है ।

पानी नीला दिखने का कारण इसमें मौजूद चयनात्मक अवशोषण का गुण है और सफेद प्रकाश के बिखरने से भी पानी का रंग हमारी आँखों को नीला दिखाई देता है लेकिन जब पानी अशुद्ध होता है तो उसके रंग बदल जाते हैं।

पानी यानी जल पकृति ने मानव को दी हुई श्रेष्ठ भेट हैं। पानी का रंग कौनसा होता हैं यह जानने से पहले हम आपको बता दें, पानी रंग विहीन ओर रंग हिन हैं। पानी का रंग हैं भी और नहीं भी।

  • पानी अगर ज्यादा मात्रा में हैं ओर शुद्ध हैं तो पानी का रंग गहरा नीला या हल्का नीला होता हैं।
  • जबकि पानी का एक और गुण हैं की पानी जिस किसी वस्तु से मिश्रित होता हैं वह उसका ही रंग धारण कर लेता हैं।

उदाहरण स्वरूप पानी में हल्दी डाल ले तो पानी पीला हो जाता हैं ओर पानी में लाल रंग डाल ले तो पानी लाल बन जाता हैं। इसके पीछे बहुत सारे वैज्ञानिक तथ्य छुपे हुए हैं। आख़िर ऐसा कैसे होता हैं यह आप यहां से जान सकते हैं।

पानी के संदर्भ सामान्य यहीं धारणा हैं की पानी का कोई रंग नहीं या नीला रंग हैं लेकिन ऐसा कैसे हो सकता हैं की एक द्रव्य का कोई रंग ना हो। इसके पीछे कुछ वैज्ञानिक तथ्य छुपे हैं जो आप ऊपर दी गई लिंक से जान सकते हैं।

पानी का कोई रंग क्यों नहीं है

सामान्यता किसी पदार्थ का रंग , गंध एवं स्वाद उस पदार्थ के pH या pOH पर निर्भर करता है। यानी कि किसी पदार्थ के जल अपघटन के पश्चात H+ आयन की मात्रा कितनी है या OH- आयन की मात्रा कितनी है , इस बात पर निर्भर करता है।

यदि पदार्थ के पास हाइड्रोजन आयन की मात्रा यानी उसकी सांद्रता ज्यादा है तो उसका स्वाद खट्टा होता है और यदि किसी पदार्थ के पास OH- आयन की सांद्रता ज्यादा है तो उसका स्वाद कड़वा होता है और यदि उस पदार्थ में हाइड्रोजन आयन और OH- आयन की सांद्रता बराबर है तो वह पदार्थ स्वादहीन होता है।

जल के अणु के पास एक H+ और एक OH- होता है जिसके कारण ही जल स्वादहीन ,रंगहीन एवं गंधहीन होता है।

H2O = H+ + OH-

वही पानी की जब मात्रा कम होती है तो वह बेरंग दिखती है। साफ पानी थोड़ा नीला दिखाई देता है। लेकिन जब पानी का लेवल अधिक मात्रा में बढ़ जाता है तो यह गहरा नीला दिखाई देता है। पानी नीला दिखाई देना का सबसे बड़ा कारण उसमें मौजूद अवशोषण गुण है। इसके अलावा सफेद प्रकाश बिखरने से भी पानी का रंग हमारी आँखों को नीला दिखाई देता है लेकिन जब पानी गंदा होता है तो उसका रंग बदल जाता है।

पानी का रंग कैसा होता है | Pani Ka Rang Kaisa Hai

जैसा कि हम बचपन से पढ़ते आ रहे हैं कि शुद्ध जल रंगहीन , गंध हीन और स्वादहीन होता है। पानी का स्वयं कोई रंग नहीं होता है , यदि पानी में अशुद्धियां मिली हो तो यह अशुद्धि के अनुसार रंग प्रदान करता है।

पानी गिलास में पारदर्शी और समंदर में नीला क्यों दिखाई देता है । जैसा कि हम सभी जानते हैं की सूर्य का प्रकाश सात रंगों से मिलकर बना होता है जो निम्न है : –

  • बैंगनी
  • जामुनी
  • नीला
  • हरा
  • पीला
  • नारंगी
  • लाल

जब सूर्य का प्रकाश समुद्र तल पर पड़ता है तब इस प्रकाश का प्रकीर्णन हो जाता है अर्थात सूर्य का प्रकाश अपने अवयवी रंगों में फैल जाता है । चूंकि नीले रंग की तरंग दैर्ध्य सबसे कम होती है इसलिए समुद्र का पानी नीला दिखाई देता है।

शुद्ध पानी रंगहीन होता हैं। जब पानी कम मात्रा में हो तो वो रंगहीन होती है।

पानी के अणुओ का इलेक्ट्रॉनिक अवशोषण विद्यतचुम्बकीय स्पैक्ट्रम के पराबैंगनी रेंज में होता है।

चुकी मनुष्य के नेत्र पराबैंगनी रेंज में नहीं देख सकती केवल विजिबल रेंज (300nm से 700nm ) में देख सकती है । तो हमे पानी रंगहीन नज़र आता है।

अगर इलेक्ट्रॉनिक अवशोषण विजिबल रेंज में होता तो शायद पानी का भी कोई विशिष्ट रंग होता।

जैसे जैसे पानी की मात्रा बढ़ती है वो हल्की नीले रंग की दिखती है।

नीला रंग अशुद्धियों के कारण और जहा पानी काफी ज्यादा मात्रा में होता है जैसे कि नदी या तालाब वहा पानी सूर्य की रक्त किरणों का अवशोषण करती जिसके परिणामस्वरूप नीले रंग का परावर्तन होता है।

पानी का रंग नीला क्यों दिखाई देता है

पानी का कोई भी कलर नहीं होता लेकिन जैसे कि समुद्र का पानी हमें नीला दिखाई देता है उसका एक कारण है सूर्य से आने वाले प्रकाश में नीले रंग की तरंग दैर्ध्य सबसे कम होती हैं जिस कारण वह पानी की सतह से टकराकर चारों ओर फैल जाती है जिससे हमें पानी का रंग नीला दिखाई देता है अब शायद आप लोगों को लग रहा होगा कि तालाबों तथा नदियों का का पानी नीला क्यों नहीं दिखा जाता है तो उसका कारण यह है कि तालाबों नदियों में समुद्र के मुकाबले काफी गंदगी होती है इस कारण वहां में नीला नहीं दिखाई देता।

वैसे तो पानी का रंग रंगहीन होता है। परंतु समुंदर के पानी का हल्का नीला दिखाई देता है आइए जानते हैं कारण।

ऐसा माना जाता है की समुंदर नीला दिखाई देता है क्योकि यह नीले आसमान को परावर्तित (reflect) करता है जबकि यह एक धारणा है. समुद्र के नीले दिखने के पीछे मुख्य कारण यह है की जब सूरज की किरणे समुद्र पर चमकती है तो सूरज की सफेद किरण समुंदर में प्रवेश करती है।

सफेद रोशनी में सभी इन्द्रधनुषीय रंग समाहित होते है जैसे बैंगनी, जामुनी, नीला, हरा, पीला, नारंगी, लाल. इसे हम प्रिज्म की साहयता से भी देख सकते है. इनमे से समुंदर लाल, पिला और हरा रंग (जिनकी वेवलेंथ लंबी होती है) को अवशोषित कर लेता है, जबकि केवल नीला रंग (जिसकी वेवलेंथ छोटी होती है) परावर्तित (reflect) होकर बाहर आता है।

कुछ नीला प्रकाश समुंदर में मौजूद पानी के करना चाहिअणुओं में मिल जाता है और ये बिखरा नीला प्रकाश (scattered blue light) समुद्र से बाहर आता है. समुंदर से परावर्तित होने वाले नीले प्रकाश के कारण हमें समुद्र का रंग नीला दिखाई देता है. और हमें लगता है की सागर का रंग नीला है।

साधारण शब्दों में कहे तो समुंदर द्वारा सूरज की किरणों के ज्यादातर रंगों को अवशोषित (absorb) कर लेना और नीले प्रकाश का परावर्तन (reflection) द्वारा समुंदर में बिखर कर बाहर आना सागर के नीले दिखाई देने का कारण है. गहरे समुन्द्र द्वारा नीला रंग या वेवलेंथ को कम अवशोषित (absorb) किया जाता है।

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FAQ | पानी का रंग

Q1. पानी का रंग कौन सा होता है

Ans – पानी का कोई रंग नहीं होता है पानी को आप जिस भी रंग में डालेंगे वह उसी रंग के साथ प्राकृतिक रूप से अच्छी तरह से गुल जाता है। इसीलिए हम पानी को कोई एक नाम नहीं दे सकते।

Q2. नदी के पानी का रंग क्यों बदल जाता है

Ans – विभिन्न कारणों से नदियों का रंग अलग-अलग हो सकता है। समुद्री हरी या नीले रंग की नदियाँ आमतौर पर पानी में घुले हुए खनिजों, जैसे हिमनदी गाद, की उच्च मात्रा के कारण होती हैं। गुलाबी या लाल रंग की नदियाँ पानी में लोहे या तलछट की उच्च मात्रा, या शैवाल या अन्य सूक्ष्मजीवों के कारण हो सकती हैं जो रंगद्रव्य का उत्पादन करते हैं। इसके अतिरिक्त, औद्योगिक प्रदूषण या कृषि अपवाह जैसी मानवीय गतिविधियाँ भी नदी के रंग में योगदान कर सकती हैं।

Q3. पानी का रंग नीला क्यों होता है

Ans – क्योकि आसमान का रंग भी नीला है और परछाई से परवर्तन होने पर अन्य रंग पानी सोखता है और नीला परावर्तित करता है।


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